वीडियो : अस्पताल के अंदर सोते रहे चिकित्सक, दरवाजे पर तड़प-तड़प कर हुई मरीज की मौत ..

बताया कि उनके पति की जान बचाई जा सकती थी. तबीयत खराब होने पर वह अस्पताल पहुंचे थे और अस्पताल का दरवाजा स्वयं ही खटखटा रहे थे लेकिन, चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मी अंदर सोए हुए थे और यह बहाना कर दिया कि चिकित्सक नहीं हैं. इंदु देवी ने बताया कि स्वास्थ्य कर्मियों को उनके पति की खराब हालत का हवाला दिया गया. बावजूद इसके उन्होंने दरवाजा नहीं खोला और अंततः उनके पति की मृत्यु हो गई.
रोती बिलखती मृतक की पत्नी

 






- केसठ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे थे मरीज के परिजन
- मौत के बाद किया हंगामा तो भाग खड़े हुए चिकित्सक

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : जिले के केसठ से एक दिल दहलाने वाला मामला सामने आया है. सरकारी अस्पताल में मरीज का इलाज करने से इनकार किए जाने के कारण अस्पताल के गेट पर ही तड़प-तड़प कर उनकी मौत हो गई है. घटना की जानकारी मिलने पर मृतक के परिजन एवं होने ग्रामीण आक्रोशित हो गए तथा अस्पताल के गेट पर पहुंचकर हंगामा करने लगे बाद में स्थानीय प्रबुद्ध जनों के समझाने बुझाने पर लोग शांत हुए घटना के संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक केसठ निवासी उमेश सिंह (50 वर्ष) बेचैनी की शिकायत होने पर रात तकरीबन 12:00 बजे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर अपने परिजनों के साथ स्वयं ही चलकर पहुंचे. जहां उन्होंने अस्पताल के गेट पर ताला बंद देखा. इसके बाद उन्होंने दरवाजा खटखटाना शुरू किया, अंदर से स्वास्थ्य कर्मियों ने आवाज दी कि चिकित्सक नहीं हैं आप का इलाज नहीं हो सकेगा. बावजूद इसके उन्होंने कहा कि कृपया दरवाजा खोला जाए और उनकी स्थिति का अवलोकन कर लिया जाए लेकिन, स्वास्थ्य कर्मियों ने एक न सुनी. बाद में निराश होकर उमेश सिंह वापस लौटने लगे लेकिन, इसी बीच वह गश खाकर गिर पड़े और उनकी मौत हो गई. बाद में जब परिजनों को इस बात की सूचना मिली तो उन्होंने स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए हंगामा शुरू कर दिया. हंगामा देखकर अस्पताल के स्वास्थ्य कर्मी और चिकित्सक मौके से फरार हो गए.




मृतक की पत्नी इंदु देवी ने रोते-रोते यह बताया कि उनके पति की जान बचाई जा सकती थी. तबीयत खराब होने पर वह अस्पताल पहुंचे थे और अस्पताल का दरवाजा स्वयं ही खटखटा रहे थे लेकिन, चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मी अंदर सोए हुए थे और यह बहाना कर दिया कि चिकित्सक नहीं हैं. इंदु देवी ने बताया कि स्वास्थ्य कर्मियों को उनके पति की खराब हालत का हवाला दिया गया. बावजूद इसके उन्होंने दरवाजा नहीं खोला और अंततः उनके पति की मृत्यु हो गई. उधर मामले में जानकारी लेने के लिए सिविल सर्जन डॉ जितेंद्र नाथ से उनके मोबाइल पर संपर्क किया गया लेकिन, फोन नहीं लगने के कारण उनका पक्ष नहीं जाना जा सका. वही अपने कार्यालय में भी वह नहीं मिले. बहरहाल इस घटना ने जहां मानवता को शर्मसार कर दिया है वहीं, सिस्टम पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं.

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