वीडियो: पंचायत चुनाव में नाली, गली और जलापूर्ति के आधार पर होगा जनप्रतिनिधियों के भाग्य का फैसला ..

जनप्रतिनिधि जहां गांवों तथा पंचायतों के विकास के दावे करते हैं वहीं जनता बार-बार विकास के अवरुद्ध होने का आरोप लगाते रहती है. पंचायत प्रतिनिधियों के 5 साल के कार्यकाल के बीतने के पश्चात एक बार फिर पंचायत चुनाव सामने आ गया है. ऐसे में ग्रामीण इलाकों में विकास की स्थिति तथा आगामी प्रत्याशियों से जनता की अपेक्षाओं को जानने के लिए राजपुर प्रखंड के मंगराव पंचायत में लोगों से बातचीत की गई.

 





- जनप्रतिनिधि ने दिए विकास कार्यों से असंतुष्ट जनता के सवालों के जवाब
- जनता ने कहा, पढ़ाई-लिखाई व खाद्यान्न वितरण तो ठीक लेकिन, नाली गली का विकास भी जरूरी

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: सरकार द्वारा गांवो के विकास की जिम्मेदारी पंचायत प्रतिनिधियों को दी गई हैं. जनप्रतिनिधि जहां गांवों तथा पंचायतों के विकास के दावे करते हैं वहीं जनता बार-बार विकास के अवरुद्ध होने का आरोप लगाते रहती है. पंचायत प्रतिनिधियों के 5 साल के कार्यकाल के बीतने के पश्चात एक बार फिर पंचायत चुनाव सामने आ गया है. ऐसे में ग्रामीण इलाकों में विकास की स्थिति तथा आगामी प्रत्याशियों से जनता की अपेक्षाओं को जानने के लिए राजपुर प्रखंड के मंगराव पंचायत में लोगों से बातचीत की गई. जहां वर्तमान प्रतिनिधि से लेकर विपक्षी प्रतिद्वंदी तथा आम जनों की उपस्थिति रही जनता ने सीधा सवाल किया जिसका जनप्रतिनिधि ने जवाब दिया. 


बताया गया कि मंगरांव पंचायत में 8 प्राथमिक सह मध्य विद्यालय, 9 आंगनबाड़ी केंद्र तथा चार 4 वितरण प्रणाली की दुकानें हैं. पढ़ाई-लिखाई से लेकर खाद्यान्न वितरण जैसे कार्य भी ठीक ढंग से हो रहे हैं लेकिन, सड़क पानी और जल निकासी की समस्या भी सामने आई हैं हालांकि, मुखिया ने यह बताया कि उन्होंने पंचायत के विकास के लिए करोड़ों रुपये की राशि खर्च की है. फिर भी यदि कोई कहता है कि विकास नहीं हुआ है तो यह गलत है.




संगरांव गाँव निवासी विनोद साह व संजय पांडेय ने बताया कि पंचायत में विकास कार्यों की बात करें तो पंचायत प्रतिनिधियों को 100 में 20 फीसद ही नंबर दिए जा सकते हैं. उन्होंने कहा कि कोई भी प्रत्याशी हो पहले वह वोट मांगने के लिए हाथ जोड़ते हैं लेकिन, बाद में पंचायत के विकास की बात सोचते तक नहीं। कई ऐसे पंचायत प्रतिनिधि हैं जो एक बार हारने के बाद दोबारा विकास के वादे कर चुनाव जीते थे लेकिन, उन्होंने विकास के नाम पर कुछ भी नहीं किया दीपक कुमार पांडेय तथा रूप नारायण सिंह बताते हैं कि पंचायत में जो भी विकास के कार्य किए गए हैं उनमें कोई दम नहीं है. कार्य में भारी तौर पर अनियमितता देखी जा सकती है. कई गलियों का पक्कीकरण नहीं हुआ है और जिनका हुआ है वहां जल निकासी की व्यवस्था नहीं होने के कारण सड़कों पर जलजमाव है. इसके अंतर्गत जलापूर्ति का काम भी पूरा नहीं हो सका है. राधेश्याम सिंह तथा विनय कुमार बताते हैं कि चुनाव जीतने के बाद पंचायत प्रतिनिधि कभी भी जनता का हाल-चाल जानने के लिए नहीं आते. अब जबकि चुनाव सिर पर है. प्रत्याशी हाथ जोड़ते घूम रहे हैं. प्रतिनिधि केवल अपने चहेतों का काम करते हैं.

पंचायत प्रतिनिधियों के द्वारा पंचायत के विकास के लिए किए जाने वाले 80 फीसद काम पूरे किए जा चुके हैं फिर भी लोग कह रहे हैं कि काम नहीं हुआ है. जलापूर्ति की पाइपों को पंचायत के कई घरों तक पहुंचाया गया है. ऐसे में विकास नहीं होने की बात गलत है लेकिन, अब भी कुछ विकास योजनाएं अधूरी हैं. राजेश कुमार व नारायण उपाध्याय का कहना है कि प्रत्याशी केवल एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप करते रहते हैं लेकिन, विकास के नाम पर लोग कन्नी काट लेते हैं. उन्होंने कहा कि पंचायत में कई जगहों पर जल निकासी की समस्या विकराल है. दिव्यांग चंद्रावती देवी ने कहा कि खाद्यान्न आदि का वितरण तो बेहतर ढंग से होता है, अन्य सुविधाएं भी मिली हैं लेकिन, नालियां और सड़कें जिस हिसाब से बनाई गई हैं वह लोगों की समस्याओं को हल करने के जगह पर उन्हें और भी विकराल बना दे रही हैं.



पंचायत के मुखिया शैलेंद्र कुमार सिंह उर्फ बबलू ने बताया कि पंचायत में 5 साल में 6.40 करोड़ का काम कराया गया लेकिन, जो विपक्षी हैं वह तो आरोप लगाएंगे ही. गांव की सड़कें, नालियां भी बनाई गई हैं. कई जगहों पर निजी जमीन से नालियों को निकाला जाना है जिसको लेकर विरोध हो रहा है, ऐसे में जल निकासी की समस्या उत्पन्न हो रही है. सात निश्चय के तहत हर घर नल का जल पहुंचाने के लिए पाइप और टोंटी लगाई गई है लेकिन, यदि कोई पाइपों को अथवा टोंटियों को छतिग्रस्त कर देता है तो ऐसे में समस्या सामने आती है. मुखिया ने कहा कि उन्होंने विकास के नाम पर जीत हासिल की थी और फिर विकास के नाम पर वोट मांग कर जीत हासिल करेंगे.


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