जेसीबी तथा अन्य मशीनें रहते हुए भी नई मशीनों का क्रय करने का काम किया गया है. नगर में फागिंग के नाम पर हर महीने लाखों रुपयों के घोटाले किए जा रहे हैं जबकि, सच्चाई यह है कि नगर में कहीं भी फागिंग नहीं होती है और बाढ़ खत्म होने के बाद अब और डेंगू की संभावना बढ़ गई है.
- नगर परिषद के वार्ड संख्या 27 के वार्ड पार्षद हैं राकेश सिंह
- कहा, कार्यपालक पदाधिकारी के साथ मिलकर मुख्य पार्षद ने किए घोटाले
बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर: "नगर परिषद में करोड़ों रुपयों का घोटाला हुआ है, जिसमें नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी के साथ-साथ मुख्य पार्षद भी शामिल हैं. अगर मामले की जांच कराई जाए तो चारा घोटाला से भी बड़ा घोटाला यहां निकल कर सामने आ सकता है. ऐसे में मामले की जांच करते हुए चेयरमैन(मुख्य पार्षद) को जेल भेज देना चाहिए" यह कहना है नगर के वार्ड संख्या 27 के वार्ड पार्षद राकेश सिंह का.
उन्होंने कहा कि नगर परिषद के पूर्व के कार्यपालक पदाधिकारियों के द्वारा जमकर लूटपाट की गई है. इसमें मुख्य पार्षद तथा अन्य लोग भी शामिल हैं. राकेश के मुताबिक नगर में चलंत शौचालय, स्ट्रीट लाइट, यूरिनल के साथ-साथ वार्डों की सफाई के नाम पर मनमानी राशि खर्च की जा रही है. इतना ही नहीं नगर परिषद के पास अपनी जेसीबी तथा अन्य मशीनें रहते हुए भी नई मशीनों का क्रय करने का काम किया गया है. नगर में फागिंग के नाम पर हर महीने लाखों रुपयों के घोटाले किए जा रहे हैं जबकि, सच्चाई यह है कि नगर में कहीं भी फागिंग नहीं होती है और बाढ़ खत्म होने के बाद अब और डेंगू की संभावना बढ़ गई है. उन्होंने कहा इतना सब कुछ होते हुए भी कई वार्ड पार्षद व जिम्मेदार लोग मौन साधे हुए हैं.
वार्ड पार्षद ने बताया कि नगर के स्टेशन रोड के चौड़ीकरण के दौरान सड़क के किनारे लगाए गए स्ट्रीट लाइट गायब हो गए नगर में जो यूरिनल लगाए गए थे वह भी गायब हो गए हैं माना जा रहा है कि इन्हें कबाड़ी में बेचकर इन की राशि का गबन कर लिया गया है. हाई मास्ट लाइट की गुणवत्ता का आलम यह है कि लाइट कभी जलती ही नहीं. ऐसे में उन्होंने सभी बातों की शिकायत जिला पदाधिकारी से भी की है. उधर वार्ड पार्षद के द्वारा लगाए जा रहे आरोपों को लेकर नगर परिषद के उप मुख्य पार्षद इंद्र प्रताप सिंह उर्फ बबन सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि लोकतंत्र में सबको अपनी बातें रखने का हक है. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि इन आरोपों के विषय में वह कुछ भी नहीं कहना चाहते. अगर किसी तरह का गबन अथवा घोटाला हुआ होगा तो वह जांच में स्पष्ट हो जाएगा.
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