वीडियो : आवास की दुर्दशा पर रेलकर्मियों का फूटा गुस्सा, एइएन कार्यालय के समक्ष दिया धरना ..

बताते हैं कि रेल कर्मियों के कल्याण तथा अन्य सुविधाओं के नाम पर हर साल 50 से 60 लाख रुपये रेलवे के द्वारा भेजे जाते हैं लेकिन, उनका 50 फीसद भी आवास तथा सड़क आदि के निर्माण के लिए नहीं खर्च किया जाता है बल्कि, वह पैसे ऐसे कार्यों में खर्च होते हैं जिनके चलते तात्कालिक तौर कर्मचारियों को विशेष लाभ नहीं मिलता. रात्रि गश्ती के दौरान भी भेदभाव वाली नीति अपनाई जाती है. 

 





- कहा, 20 सालों में टूटे 150 से ज्यादा बने एक भी नहीं 
- दी चेतावनी, मांगें पूरी नहीं होने पर होगा बड़ा आंदोलन

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन सदस्यों के द्वारा गुरुवार को सहायक मंडल अभियंता के कार्यालय के बाहर धरना-प्रदर्शन कर अपनी मांगों के संबंधित एक ज्ञापन उनके प्रतिनिधि को सौंपा गया. विरोध-प्रदर्शन में शामिल  केंद्रीय संगठन मंत्री मनोज कुमार पांडेय ने कहा कि रेलवे के द्वारा रेलवे कर्मियों के आवास के पुनर्निर्माण अथवा मरम्मत एवं अनुरक्षण के संदर्भ में कोई पहल नहीं की जाती. पिछले 20 सालों में तकरीबन डेढ़ सौ से ज्यादा रेलवे क्वार्टर ध्वस्त कर दिए गए हैं. वर्तमान में जो है वह भी अभी बदहाल स्थिति में हैं. ऐसे में दिन भर ड्यूटी करने के बाद जब रेलकर्मी अपने घरों को जाते हैं तो तो वहां भी उन्हें सुकून नहीं मिलता. उन्होंने कहा कि जोनल रेलवे कर्मचारी यूनियन के महामंत्री एसएनपी श्रीवास्तव के आह्वान पर पूरे जोन के तमाम एइएन कार्यालय पर रेल कर्मियों के द्वारा धरना-प्रदर्शन किया जा रहा है.


कर्मचारी यूनियन के शाखा सचिव धीरज कुमार सिंह ने कहा कि रेल कर्मियों को बंचिंग एरियर का लाभ नहीं मिला. आवास समेत रेल कर्मियों के अन्य समस्याएं यथावत बनी हुई हैं जिन पर अधिकारियों का ध्यान नहीं है. जबकि जोनल लेवल से जो पैसे आते हैं उनका 50 फीसद भी यदि आवास की मरम्मत आदि पर खर्च हो तो कोई समस्या नहीं होगी.


कार्यकारी अध्यक्ष श्री प्रकाश तिवारी बताते हैं कि रेल कर्मियों के कल्याण तथा अन्य सुविधाओं के नाम पर हर साल 50 से 60 लाख रुपये रेलवे के द्वारा भेजे जाते हैं लेकिन, उनका 50 फीसद भी आवास तथा सड़क आदि के निर्माण के लिए नहीं खर्च किया जाता है बल्कि, वह पैसे ऐसे कार्यों में खर्च होते हैं जिनके चलते तात्कालिक तौर कर्मचारियों को विशेष लाभ नहीं मिलता. रात्रि गश्ती के दौरान भी भेदभाव वाली नीति अपनाई जाती है. उन्होंने सवालिया लहज़े में कहा कि जब रेल कर्मियों को सुविधा देने के नाम पर उनके तनख्वाह से पैसों की कटौती की जाती है तो आखिर उन्हें सुविधाएं देने में क्या परेशानी है? उन्होंने कहा कि रेल कर्मियों को जीवन रक्षक डिवाइस उपलब्ध कराना, उन्नति का एरियर भुगतान करना, कीमैन की संख्या बढ़ाना, छुट्टी देने के दौरान मनमानी प्रक्रिया में बदलाव, रात्रि पेट्रोलिंग में 6 दिन के उपरांत विश्राम की व्यवस्था तथा रात्रि पेट्रोलिंग सभी यूनिट में एकरूपता और दूरी घटाने पर विचार करने जैसे मांगे रेल कर्मियों की है. जिनका मांग पत्र एइएन के प्रतिनिधि आइओडब्ल्यू के.बी. तिवारी को सौंपा गया.


मौके पर शाखा अध्यक्ष अजय कुमार, महामंत्री नीरज कुमार सिंह, अशोक पांडेय, एसपी त्रिपाठी, संजीत कुमार, अशोक मिश्रा, मनोज कुमार मिश्रा, मंजू यादव, संजय दूबे, शिव शंकर प्रसाद यादव, चंदन सिंह मीणा, रामराज मीणा, एनडी सिंह, जितेंद्र सिंह, देवेंद्र कुमार समेत कई रेल कर्मी मौजूद थे.

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