वीडियो : बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में शामिल सैनिक हुए सम्मानित ..

बांग्लादेश मुक्ति संग्राम 1971 का स्वर्ण जयंती विजय दिवस के मौके पर तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के योगदान पर विचार संगोष्ठी एवं मुक्ति वाहिनी सैनिकों का सम्मान समारोह 'स्मरण उत्सव समिति' के तत्वाधान में मनाया गया. 

 





- मुक्ति संग्राम की स्वर्ण जयंती पर जिला कांग्रेस कमेटी के कार्यालय में आयोजित था कार्यक्रम
- आयरन लेडी के नाम से विख्यात पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कृतित्व पर डाला प्रकाश

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर :  जिला कांग्रेस कमेटी कार्यालय में बांग्लादेश मुक्ति संग्राम 1971 का स्वर्ण जयंती विजय दिवस के मौके पर तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के योगदान पर विचार संगोष्ठी एवं मुक्ति वाहिनी सैनिकों का सम्मान समारोह 'स्मरण उत्सव समिति' के तत्वाधान में मनाया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष तथागत हर्षवर्धन की. मौके पर प्रदेश प्रभारी अमिता सिंह मुख्य रूप से उपस्थित रही. संचालन जिला उपाध्यक्ष बजरंगी मिश्रा ने किया.




कार्यक्रम में 1971 के युद्ध में भाग लेने वाले 16 सैनिकों एवं सैनिक संघ के पदाधिकारियों को अंग वस्त्र एवं माला तथा स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया. सम्मान प्राप्त करने वाले सैनिकों में सैनिक संघ के अध्यक्ष हरेंद्र तिवारी, उपाध्यक्ष विद्यासागर चौबे तथा जेपी सिंह, कोषाध्यक्ष आर पी सिंह शामिल थे. साथ ही 1971 के युद्ध में भाग लेने वाले सैनिकों में हरिहर सिंह, बी एन पांडेय, श्री राम चौबे, देव कुमार सिंह, जितेंद्र सिंह यादव, रामकृष्ण पांडेय आई डी सिंह श्रीकांत उपाध्याय, द्वारिका पांडेय, ललन प्रसाद, आर एन दूबे, अंबिका राय, बीरबल दूबे, इंद्रावत, जगदंबा सिंह, दिनेश प्रसाद आदि सम्मानित हुए. 

कार्यक्रम की शुरुआत पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के तैल चित्र पर माल्यार्पण कर की गई. तत्पश्चात जिलाध्यक्ष तथागत हर्षवर्धन ने प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कुशल नेतृत्व में बांग्लादेश मुक्ति में भारतीय सैनिकों के योगदान को लोगों के समक्ष रखा. कार्यक्रम में अनिरुद्ध पांडेय, पूर्व विधायक श्रीकांत पाठक, पूर्व प्रदेश सचिव कामेश्वर पांडेय के साथ-साथ पूर्व प्रदेश संगठन सचिव राहुल आनंद, महिला अध्यक्ष साधना पांडेय, धनजी पांडेय, चंद्र शेखर पाठक, वीरेंद्र राम, राजा रमन पांडेय, जनार्दन पांडेय, अनुराग राज त्रिवेदी, करुणानिधि दूबे के साथ-साथ कई लोग मौजूद रहे.







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