अधूरी तैयारी के साथ चुनाव मैदान में उत्तरा प्रशासन, आरक्षण की स्थिति अस्पष्ट ..

कई प्रखंडों में आरक्षण की सूची अभी नहीं बन पाई है. ऐसे में पूरे जिले में विभिन्न प्रखंडों के अलग-अलग पंचायतों में आरक्षण की स्थिति अभी स्पष्ट नहीं है. प्रखंड विकास पदाधिकारी तथा नामांकन कर रहे प्रत्याशियों को इस बात की जानकारी है, जिसके आधार पर वह नामांकन कर रहे हैं लेकिन, इसकी पूरी सूची अभी तक नहीं बनाई गई है. 

 






- नहीं बनी है अलग-अलग पदों तथा पंचायतों के आरक्षण की सूची
- असमंजस में हैं विभिन्न पंचायतों के लोग 

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : जिले में पंचायत चुनाव की रणभेरी बज जाने के बाद एक तरफ जहां जिला प्रशासन चुनाव को लेकर की गई तैयारियों के संदर्भ में तमाम तरह के दावे कर रहा है वहीं, दूसरी तरफ स्थिति यह है कि प्रशासन कई मामलों में अभी भी अंधेरे में ही है. इस कारण न सिर्फ प्रत्याशियों को परेशानी हो रही है वहीं, दूसरी तरफ आम जनता के समक्ष भी चुनाव को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं हो पा रही है. दरअसल, विभिन्न पंचायतों में अलग-अलग पदों के लिए होने वाले चुनाव में आरक्षण की व्यवस्था भी की गई है. ऐसा इसलिए किया गया है ताकि हर वर्ग की भागीदारी सत्ता में बराबर हो सके और उसे भी अपना हक मिल सके लेकिन, जिला प्रशासन और पंचायती राज विभाग के पास इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि जिले में किन जगहों पर कितने पद आरक्षित हैं. आरक्षण सूची सार्वजनिक नहीं होने के कारण प्रत्याशी भी सुनी-सुनाई बातों के आधार पर अपना नामांकन आदि कार्य कर कर रहे हैं.




जिला पंचायती राज पदाधिकारी वीरेंद्र कुमार के अनुसार कई प्रखंडों में आरक्षण की सूची अभी नहीं बन पाई है. ऐसे में पूरे जिले में विभिन्न प्रखंडों के अलग-अलग पंचायतों में आरक्षण की स्थिति अभी स्पष्ट नहीं है. प्रखंड विकास पदाधिकारी तथा नामांकन कर रहे प्रत्याशियों को इस बात की जानकारी है, जिसके आधार पर वह नामांकन कर रहे हैं लेकिन, इसकी पूरी सूची अभी तक नहीं बनाई गई है. डीपीआरओ ने यह भी बताया कि चुनाव के दौरान कई ऐसी सूचियां होती है जिनकी कोई विशेष आवश्यकता नहीं होती. उन्ही सूचियों में आरक्षण की सूची भी शामिल है, जिसके कारण पूरे जिले की समेकित रिपोर्ट नहीं बनाई गई है. अब जबकि विभिन्न प्रखंडों में चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है ऐसे में उन प्रखंडों में सूची बनाना संभव नहीं हो सकेगा.








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