वीडियो : जांच में सही साबित हुआ खिरौली मध्य विद्यालय के बच्चों का आरोप, शिक्षकों पर सामूहिक कार्रवाई की अनुशंसा ..

मध्य विद्यालय खिरौली में पहुंचकर बाल कल्याण समिति की टीम ने जांच की. जांच के क्रम में शिक्षक के ऊपर लगाए गए आरोप बिल्कुल सत्य साबित हुए. आरोप सही पाए जाने के बाद इस संदर्भ में पत्र के माध्यम से जिला शिक्षा पदाधिकारी जिला पदाधिकारी व नगर परिषद डुमराँव के कार्यपालक पदाधिकारी को अवगत कराया गया है.






- चाइल्ड वेलफेयर कमिटी के सदस्यों ने विद्यालय में पहुंचकर की थी मामले की जांच
- बच्चों से पूछताछ के दौरान सामने आया शिक्षक का घिनौना सच
- अन्य शिक्षकों के द्वारा भी बचाव का किया जा रहा था प्रयास

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : खिरौली मध्य विद्यालय में शिक्षक द्वारा छात्राओं के साथ शिक्षक के गलत आचरण कि शिकायत मिलने पर जांच के लिए पहुंची बाल कल्याण समिति की टीम ने आरोप को सही पाया है और एसडीपीओ से मामले में प्राथमिकी दर्ज किए जाने को लेकर अनुरोध किया है. इतना ही नहीं मामले में प्रधानाध्यापक को पदच्युत किए जाने तथा सभी शिक्षकों का सामूहिक स्थानांतरण किए जाने की अनुशंसा भी की है. बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष मदन सिंह ने कहा कि खिरौली मध्य विद्यालय का जब मामला संज्ञान में आया तो समिति के द्वारा यह निर्णय लिया गया कि मध्य विद्यालय के बच्चे काफी छोटे हैं. इसलिए समिति विद्यालय परिसर में पहुंचकर जांच करेगी तथा मध्य विद्यालय खिरौली में पहुंचकर बाल कल्याण समिति की टीम ने जांच की. जांच के क्रम में शिक्षक के ऊपर लगाए गए आरोप बिल्कुल सत्य साबित हुए. आरोप सही पाए जाने के बाद इस संदर्भ में पत्र के माध्यम से जिला शिक्षा पदाधिकारी जिला पदाधिकारी व नगर परिषद डुमराँव के कार्यपालक पदाधिकारी को अवगत कराया गया है तथा जल्द ही इस मामले में किए गए जांच का प्रतिवेदन अधिकारियों को अग्रसारित कर दिया जाएगा. डुमराँव एसडीपीओ श्री राज को भी मामले से अवगत कराते हुए पास्को एक्ट के तहत मामला दर्ज करते हुए करवाई करने की मांग की गई है. 




बाल कल्याण समिति के सदस्य डॉ शशांक शेखर ने कहा कि बाल कल्याण समिति खिरौली मध्य विद्यालय गई थी. उन्होंने कहा कि हो सकता है कि अभिभावकों का आरोप किसी कारणवश झूठा भी हो. लेकिन, बच्चों का आरोप बिल्कुल सही होगा. इसलिए बाल कल्याण समिति  की टीम  बच्चों के आरोप जानने के लिए ही मध्य विद्यालय में पहुंची थी. जहां एक-एक कर बच्चों से जानकारी ली गई तो शिक्षक पर लग रहे आरोप सही निकले तथा एक और बात खुलकर सामने आई कि आरोपी शिक्षक को बचाने के लिए पूरा विद्यालय प्रबंधन ही लगा हुआ था. प्रधानाध्यापक द्वारा इस बात की लिखित शिकायत प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को देने की बात कही गई लेकिन जांच में यह बात झूठी साबित हुई.

सीडब्ल्यूसी की महिला सदस्य योगिता सिंह ने कहा कि स्कूल के शिक्षक जिनकी उम्र तकरीबन 55 वर्ष होगी उनके द्वारा कक्षा के दरवाजे को बंद कर तथा बच्चियों के कपड़े उतरवाकर उनसे नृत्य करवाया जाता था. जो  बच्चे  वहां मौजूद होते थे. उन्हें आंख बंद करने को कहा जाता था. बच्चियों के द्वारा दी गयी गई जानकारी के अनुसार शिक्षक अपने मोबाइल से यह वीडियो भी बनाते थे. इतना ही नहीं बच्चों का कहना है कि शिक्षक  खैनी खाते थे जो कि बच्चों के हाथ पर थूक कर बाहर फेंकने के लिए भी कहते थे. समिति के सदस्य नवीन कुमार ने कहा कि जिस तरह से शिक्षक के द्वारा बच्चों के ऊपर अत्याचार किया जा रहा था. उससे बच्चे विद्यालय में आने से भी डरने लगे थे.

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