वीडियो: निजीकरण के बारे में रेल कर्मियों ने बताई सरकार की सच्चाई, दी चेतावनी ..

कहा कि रेलवे 6 हज़ार करोड़ रुपये की राशि को जुटाने के लिए 400 रेलवे स्टेशन, 265 मालगागाड़ियों तथा 15 से ज्यादा स्टेडियम एवं रेलवे कॉलोनियों को निजी हाथों में दे रही है. दूसरी तरफ स्थाई नौकरियों स्थान पर अस्थाई लोगों को रखा जा रहा है. 





- कहा, निजीकरण के विरोध में चलता रहेगा प्रदर्शन
- बताया, ट्रेनों के साथ ही लगातार निजीकरण की तरफ बढ़ रही सरकार

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: ईस्ट सेंट्रल रेलवे मेंस यूनियन के बैनर तले रेलवे के निजीकरण के विरोध में बक्सर में चेतावनी दिवस मनाया गया. इस दौरान रेल कर्मियों ने प्लेटफार्म तथा रेलवे परिसर में घूम-घूम कर जमकर नारेबाजी की तथा सरकार के मौद्रीकरण की नीति का विरोध किया. मौके पर बोलते हुए रेलवे मेंस यूनियन के जिला अध्यक्ष अजय कुमार ने कहा कि वर्तमान सरकार रेलवे का निजीकरण कर रही है. लगातार रेलवे की संपत्तियों को निजी हाथों में दिया जा रहा है. ऐसे में एक तरफ जहां रेल राष्ट्र की संपत्ति ना रहकर निजी लोगों की संपत्ति हो जाएगी वहीं, दूसरी तरफ रेल कर्मचारियों के अधिकारों का भी गला घोंटा जाएगा. 




उन्होंने कहा कि जब तक सरकार अपनी नीतियों में बदलाव नहीं लाती तब तक विरोध किया जाता रहेगा. उधर कार्यकारी अध्यक्ष श्रीप्रकाश त्रिपाठी ने कहा कि रेलवे 6 हज़ार करोड़ रुपये की राशि को जुटाने के लिए 400 रेलवे स्टेशन, 265 मालगागाड़ियों तथा 15 से ज्यादा स्टेडियम एवं रेलवे कॉलोनियों को निजी हाथों में दे रही है. दूसरी तरफ स्थाई नौकरियों स्थान पर अस्थाई लोगों को रखा जा रहा है. ऐसे में रेलवे कर्मचारियों के बच्चों के भविष्य के सामने भी संकट मंडरा रहा है.

उन्होंने कहा कि ईस्ट सेंट्रल रेलवे मेंस यूनियन सरकार की निजीकरण की नीति का तब तक विरोध करता रहेगी जब तक सरकार अपनी नीतियों में परिवर्तन नहीं करती. कार्यक्रम में ईस्ट सेंट्रल रेलवे मेंस यूनियन के के जिला स्तरीय सभी सदस्य मौजूद थे.

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