मौके पर मौजूद साहित्यकारों ने कहा कि सरकार की गलत नीतियों के कारण हिंदी अभी तक राजकाज की भाषा नहीं बन पाई है. ऐसे में भारत जैसे हिंदी राष्ट्र तथा उसके निवासियों के लिए यह दुर्भाग्य का विषय है. वक्ताओं ने कहा कि हर बच्चे को अपनी मां की पहचान होती है लेकिन, देश के लोग आज अपनी मां को ही भूल गए हैं.
- हिंदी दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित हुई विचार गोष्ठी
- कहा आवश्यकता पड़ी तो सड़कों पर उतर कर करेंगे प्रदर्शन
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : भोजपुरी साहित्य मंडल की जिला इकाई के बैनर तले स्थानीय रामबाग मोहल्ले में साहित्यकार श्री भगवान पांडेय के निवास पर हिंदी दिवस की पूर्व संध्या पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें वर्तमान समय में हिंदी की दुर्दशा पर चिंता व्यक्त की गई. मौके पर मौजूद साहित्यकारों ने कहा कि सरकार की गलत नीतियों के कारण हिंदी अभी तक राजकाज की भाषा नहीं बन पाई है. ऐसे में भारत जैसे हिंदी राष्ट्र तथा उसके निवासियों के लिए यह दुर्भाग्य का विषय है. वक्ताओं ने कहा कि हर बच्चे को अपनी मां की पहचान होती है लेकिन, देश के लोग आज अपनी मां को ही भूल गए हैं.
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