माता के पट खुले, दर्शन पा निहाल हुए श्रद्धालु, चार दिवसीय विशेष आराधना शुरु ..

सप्तमी तिथि के मूल नक्षत्र एवं शोभन योग में सभी पूजा पंडालों एवं मंदिरों तथा घरों में स्थापित माता दुर्गा का विधि विधान से पूजन किया गया. जिसके बाद वेदोक्त मंत्रोच्चार के साथ माता का पट खुल गया. अश्विन शुक्ल सप्तमी में माता का पट प्रातः 6:14 के बाद खोले जाने का योग था.

 







- सप्तमी तिथि मूल नक्षत्र एवं शोभन योग में माता ने दिए भक्तों को दर्शन
-  कल महाष्टमी में होगी माता महागौरी की पूजा और श्रृंगार, गुरुवार को होगा कन्या पूजन

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : सप्तमी मूल नक्षत्र एवं शोभन योग में मंगलवार को देवी दुर्गा ने भक्तों को दर्शन दिया. वैदिक मंत्रोचार के साथ सभी पूजा पंडालों में माता के पट खोले गए. मंगलवार को ही देवी के सातवें स्वरूप माता कालरात्रि की पूजा होती है. सोमवार को पंचमी व षष्टी एक दिन होने से जेष्ठा नक्षत्र एवं सौभाग्य योग में पंचम तथा षष्टम स्वरूप में देवी स्कंद माता एवं मां कात्यायनी माता की पूजा संपन्न हुई.




मंगलवार को सप्तमी तिथि के मूल नक्षत्र एवं शोभन योग में सभी पूजा पंडालों एवं मंदिरों तथा घरों में स्थापित माता दुर्गा का विधि विधान से पूजन किया गया. जिसके बाद वेदोक्त मंत्रोच्चार के साथ माता का पट खुल गया. अश्विन शुक्ल सप्तमी में माता का पट प्रातः 6:14 के बाद खोले जाने का योग था, जिसके तहत पांडेय पट्टी, नया बाजार समेत नगर के विभिन्न स्थानों तथा जिले के सभी पूजा पंडालों में एक-एक कर माता के पट खोले गए. 


माता का पट खुलते ही अगले 4 दिनों तक श्रद्धालु उनकी विशेष आराधना में लीन हो गए. बुधवार को महाअष्टमी में माता महागौरी की पूजा के साथ श्रृंगार व पूजन किया जाएगा. इसी दिन मध्यरात्रि में महानिशा पूजन कर भक्त माता की विशेष अनुकंपा पाएंगे. इसके साथ ही गुरुवार को महानवमी के मौके पर सिद्धिदात्री माता का पूजन दुर्गा सप्तशती पाठ का समापन करने के साथ ही हवन पुष्पांजलि व कन्या पूजन किया जाएगा. शुक्रवार को अश्विन शुक्ल दशमी को विजयादशमी का पर्व होगा. इसी दिन देवी की विदाई के साथ जयंती धारण किए जाने का विधान है. श्रद्धालुओं को माता जगदंबा का दिव्य दर्शन अबकी बार सुबह से ही होने लगा. संक्रमण काल के बाद हो रहे दुर्गा पूजन में श्रद्धालु भजन, स्तुति, कीर्तन, आरती, विशेष भोग तथा पुष्प आदि अर्पण कर माता की कृपा हेतु प्रार्थना करते हैं.







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