गांव में डंपिंग जोन बनाने का विरोध, पहुंचे विधायक तो ग्रामीणों ने कहा, "वोट देकर गलती की..", खूब लगाए मुर्दाबाद के नारे ..

कहा कि यहां कचरा निस्तारण की व्यवस्था ना की जाए. क्योंकि, यहाँ बघवत बाबा मंदिर तथा पास में ही धर्मावती नदी है मंदिर में दूरदराज के गांवों से लोग पूजा करने के लिए आते हैं वही छठ पर्व के मौके पर नदी किनारे घाट बना कर पूजन किया जाता है. ऐसे में इस डंपिंग ज़ोन के निर्माण से ना सिर्फ लोगों की धार्मिक भावनाएं हाथ होंगी बल्कि गाँव का वातावरण भी प्रदूषित होगा. 





- रामपुर पंचायत के गोपालपुर गांव का है मामला
- नगर परिषद के द्वारा कचरा डंपिंग के लिए चयन किया गया है क्षेत्र

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : नगर परिषद के क्षेत्र विस्तार के साथ ही कचरा निस्तारण एक मुख्य समस्या बन गया है. कचरे के कारण पूरे शहर में गंदगी का अंबार लगा हुआ है. डंपिंग जोन नहीं होने के कारण नगर परिषद के द्वारा कभी गंगा किनारे तो कभी नहर और कभी किसी जलस्रोत के पास कचरे को डंप किया जाता है, जो कि राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के आदेशों का खुलेआम उल्लंघन है. इसी बीच नगर परिषद के द्वारा इटाढ़ी के पास डंपिंग जोन बनाने के लिए जमीन का चयन किया गया लेकिन, राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के नियमों के अनुसार इसके आसपास जलस्रोत नहीं रहना चाहिए जबकि, चयनित जगह के समीप ही जल स्रोत था. ऐसे में वहां डंपिंग जोन नहीं बन सका. सदर प्रखंड के नदांव में भी डंपिंग जोन बनाने की बात प्रस्तावित थी लेकिन, वहां भी इसी तरह की समस्या के कारण डंपिंग जोन नहीं बनाया जा सका.



नगर परिषद का क्षेत्र विस्तार अब चौसा तक हो गया है. ऐसे में चौसा के समीप रामपुर पंचायत के गोपालपुर सगरा, देवी डेहरा, नागपुर आदि गाँवों के बीच डंपिंग के लिए जमीन का चयन किया गया है. अधिकारियों का कहना है कि जमीन का चयन ऐसे ही नहीं हुआ है. पहले ग्रामीणों से सहमति ली गई है. बाजाप्ता ग्राम सभा के आयोजन की जानकारी रजिस्टर में दर्ज कराई गई है. साथ ही ग्रामीणों के हस्ताक्षर भी कराए गए हैं.




इसी बीच शुक्रवार को सदर विधायक संजय कुमार तिवारी तथा अनुमंडल पदाधिकारी धीरेन्द्र  मिश्र दल बल के साथ गांव में पहुंचे और चिन्हित जमीन का अवलोकन करने लगे. विधायक को पहुंचा देख स्थानीय ग्रामीण तुरंत ही मौके पर पहुंच गए और विरोध करने लगे. मौके अधिवक्ता सह स्थानीय ग्रामीण बृजराज सिंह  साफ शब्दों में उनसे कहा कि यहां कचरा निस्तारण की व्यवस्था ना की जाए. क्योंकि, यहाँ बघवत बाबा मंदिर तथा पास में ही धर्मावती नदी है मंदिर में दूरदराज के गांवों से लोग पूजा करने के लिए आते हैं वही छठ पर्व के मौके पर नदी किनारे घाट बना कर पूजन किया जाता है. ऐसे में इस डंपिंग ज़ोन के निर्माण से ना सिर्फ लोगों की धार्मिक भावनाएं हाथ होंगी बल्कि गाँव का वातावरण भी प्रदूषित होगा. ग्रामीणों का कहना है कि यहाँ स्टेडियम अथवा अस्पताल का निर्माण हो. इस बात पर जब विधायक ने यह कहा कि ग्रामीणों की सहमति से ही यहां कचरा डंपिंग जोन बनाया गया है.

यह सुनते ही ग्रामीण बिफ़र पड़े और कहा कि यह बात सरासर झूठी है. साथ ही साथ ग्राम पंचायत का आयोजन भी केवल कागज में किया गया है. इतना ही नहीं ग्रामीणों के हस्ताक्षर भी फर्जी बनाए गए हैं. ग्रामीणों ने विधायक को कहा कि वह यहां किसी कीमत पर डंपिंग जोन नहीं बनने देंगे. विधायक ने ग्रामीणों को समझाते हुए यह कहा कि वह यहां 15 लाख रुपये की मशीन लगाएंगे जिससे कि कचरा पुनर्चक्रित कर दिया जाएगा और ग्रामीणों को कोई परेशानी नहीं होगी लेकिन, ग्रामीण इस पर भी मानने को तैयार नहीं हुए. उन्होंने विधायक के समक्ष ही मुर्दाबाद के नारे लगाने शुरू कर दिए. ग्रामीणों ने यहां तक कह दिया कि उन्होंने विधायक को वोट देकर भारी गलती कर दी है. बाद में स्थिति बिगड़ते देख विधायक के अंगरक्षक ने हस्तक्षेप किया और किसी तरह ग्रामीणों को समझाया-बुझाया गया. विरोध करने वाले ग्रामीणों में अधिवक्ता बृजराज सिंह के साथ-साथ राजन कुमार उर्फ पिंटू, त्रिलोकी सिंह, गोलू, ओम प्रकाश, महेंद्र यादव, संतोष राय, उपेंद्र राय, मुन्ना राय, चांद मियां, हलचल यादव, रिंकू मास्टर समेत आसपास के विभिन्न गांवों के ग्रामीण शामिल थे.









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