होली के बाद से नहीं मिला मानदेय, अतिथि शिक्षक पूछ रहे, कैसे रोशन होगी दीपावली?

कहना है कि प्रशासन के द्वारा उनसे इलेक्शन ड्यूटी तथा अन्य सभी काम कराए जा रहे हैं जो नियोजित शिक्षकों के द्वारा किए जाते हैं लेकिन भुगतान की बारी आती है, तो उनके साथ सौतेला व्यवहार किया जाता है. उनके मानदेय का भुगतान नहीं किए जाने से शिक्षक काफी परेशानी में अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं.





- मार्च माह से नहीं हुआ है जिले के 99 अतिथि शिक्षकों को वेतन का भुगतान
- शिक्षकों ने लगाया आरोप, नहीं सुनते हैं अधिकारी

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : जिले के विभिन्न सरकारी विद्यालयों में कार्यरत अतिथि शिक्षकों को होली के बाद से मानदेय ही नहीं मिला है. ऐसे में उनकी दीपावली अब रोशन नहीं हो सकेगी. कई अतिथि शिक्षकों ने इस संदर्भ में बताया कि उन्हें मार्च 2021 से मानदेय भुगतान नहीं किया गया है.कई बार विभागीय अधिकारियों से संपर्क करने पर भी उनके द्वारा कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। ऐसे में कई महीनों से वह मुफलिसी की जिंदगी जी रहे हैं और अब जब दीपावली का त्यौहार सामने है उन्हें यह चिंता सता रही है कि उनके घर रोशन हो पाएंगे अथवा नहीं?



शिक्षकों का कहना है कि प्रशासन के द्वारा उनसे इलेक्शन ड्यूटी तथा अन्य सभी काम कराए जा रहे हैं जो नियोजित शिक्षकों के द्वारा किए जाते हैं लेकिन भुगतान की बारी आती है, तो उनके साथ सौतेला व्यवहार किया जाता है. उनके मानदेय का भुगतान नहीं किए जाने से शिक्षक काफी परेशानी में अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं


जितने दिन काम उतने दिन का भुगतान :

दरअसल, जिले के विभिन्न प्लस टू स्कूलों में मानदेय पर 99 अतिथि शिक्षकों को नियुक्त किया गया है. इन्हें प्रतिदिन के हिसाब से वेतन दिया जाता है. शिक्षकों को 1 हज़ार रुपये प्रतिदिन का भुगतान करना होता है ऐसे में विद्यालय अगर 20 दिन चला तो उस महीने में 20 हज़ार और यदि विद्यालय 10 दिन चला तो उस महीने में 10 हज़ार का ही भुगतान किया जाता है.

मामले में जिला शिक्षा पदाधिकारी अमर भूषण से फोन पर संपर्क कर उनका पक्ष जानने का प्रयास किया गया लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया. ऐसे में यह ज्ञात नहीं हो सका कि अतिथि शिक्षकों की दिवाली अबकी बार रोशन हो पाएगी अथवा नहीं?







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