वीडियो : 15 साल की उपलब्धियों की चर्चा : जदयू जिला महासचिव ने सिस्टम को धो डाला, कहा - "अब घुँघरू बाँध ही लिए तो नुमाइश होगी ही .."

सरकार की नाकामियों को गिनाना शुरू कर दिया. उन्होंने कहा कि नीतीश राज में अफसरों की मनमानी चरम पर है. आम लोगों की कौन कहे कार्यकर्ताओं की भी बात नहीं सुनते इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि उनकी इस गुस्ताखी पर उन्हें पार्टी से निकाला या ब्लैकलिस्टेड किया जा सकता है लेकिन, राजनीति करनी है और पैरों में घुँघरू भी बाँध लिए हैं ऐसे में नुमाइश तो होगी ही चाहे यहाँ तो या और कहीं. 







- सरकार की उपलब्धियों को कार्यकर्ताओं को बताने के लिए आयोजित था कार्यक्रम
- काराकाट के सांसद, पूर्व परिवहन मंत्री और प्रदेश प्रवक्ता की मौजूदगी में सिस्टम पर किया तीखा प्रहार

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : 15 साल बेमिसाल का नारा दे रही जदयू आज पूरे प्रदेश में अपने 15 सालों के उपलब्धियों को गिना रही है, जिले में भी काराकाट सांसद महाबली सिंह की उपस्थिति में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया है, जिसमें पूर्व मंत्री संतोष निराला समेत तमाम कार्यकर्ता नीतीश सरकार की उपलब्धियों को गिना रहे थे. 11 का वक्ता मंच पर आ रहे थे इसी बीच जदयू के जिला महासचिव संतोष कुमार चौधरी को भी बोलने का मौका मिला लेकिन उन्होंने सबसे उलट सरकार की नाकामियों को गिनाना शुरू कर दिया. उन्होंने कहा कि नीतीश राज में अफसरों की मनमानी चरम पर है. आम लोगों की कौन कहे कार्यकर्ताओं की भी बात नहीं सुनते इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि उनकी इस गुस्ताखी पर उन्हें पार्टी से निकाला या ब्लैकलिस्टेड किया जा सकता है लेकिन, राजनीति करनी है और पैरों में घुँघरू भी बाँध लिए हैं ऐसे में नुमाइश तो होगी ही चाहे यहाँ तो या और कहीं. उन्होंने यह तक कह दिया कि सरकार जिन उपलब्धियों को गिनाया कर वाहवाही लूट रही है यदि उसके सच्चाई देखी जाए तो सारी पार्टी रेत की तरह बिखर जाएगी. 


जाएगा इतना सब सुनते हैं मंच पर बैठे परिवहन मंत्री, संतोष निराला, डुमराँव विधानसभा की निवर्तमान प्रत्याशी अंजुम आरा व काराकाट सांसद महाबली सिंह के चेहरे सख्त हो गए. मंच संचालन कर रहे मुख्य प्रवक्ता अशोक सिंह ने महासचिव को रोकने की कोशिश की लेकिन, उन्होंने निर्बाध भाषण जारी रखा और तकरीबन 1:30 मिनट के अपने भाषण में जमकर सरकार की बखिया उधेड़ी. इस बारे में जब उनसे बात की गई तो उन्होंने बताया कि वह सिमरी प्रखंड से आते हैं और उनके प्रखंड में जल निकासी से लेकर कई अन्य तरह की समस्याएं हैं जिससे लोग आक्रांत हैं और इसकी शिकायत करने पर अधिकारी नहीं सुनते. यहां तक की मुख्यमंत्री की भूमिहीनों को आवासीय भूखंड देने की योजना के संदर्भ में बात करने गए एक व्यक्ति से भी बदतमीजी की गई. उन्होंने कहा कि इन सब बातों की जानकारी जब शीर्ष नेताओं को दी जाती है तो वह भी इसे अनसुना कर देते हैं. ऐसे में आज मंच से इस बात को रखने की आवश्यकता पड़ गई ताकि, यह बात सूबे के मुखिया तक पहुंचे. उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में निश्चित रूप से बिहार का विकास हुआ है लेकिन, बहुत सारी ऐसी बातें हैं जो उन तक नहीं पहुंच पाती. 

उधर इस बारे में बात करने पर काराकाट सांसद महाबली सिंह ने कहा कि ऐसा नहीं है कि बिहार में अफसरशाही बेलगाम है. कोई भी व्यक्ति यदि कोई नैतिक काम लेकर जाएगा तो अधिकारी उसे मना नहीं कर सकते. यह पूछे जाने पर कि क्या आप के कार्यकर्ता अनैतिक काम लेकर अधिकारी के पास जाते हैं? उनके पास कोई जवाब नहीं था किसी तरह उन्होंने बात को संभाला और गोलमोल जवाब देते हुए खत्म कर दिया. बहरहाल, इस तरह की स्थिति बनने के बाद काफी देर तक कार्यकर्ताओं में यह चर्चा होती रही कि जिला महासचिव के द्वारा कही गई बातें कितनी सही और कितनी गलत है?

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