चुनावी रंजिश में युवक पर कातिलाना हमला करने का आरोप ..

युवक के पिता ने बताया कि उक्त परिवार के द्वारा पहले भी कई बार उलझने की कोशिश और मारपीट की हैं. उधर दूसरे पक्ष के लोगों का यह कहना है कि अनूप शुक्ला के द्वारा उन लोगों के साथ अपशब्दों का प्रयोग किया जाता रहा है वहीं चुनाव के दौरान भी अनर्गल प्रलाप होता रहा है जिसका विरोध करने पर वह गलत इल्जाम लगा रहे हैं. 






- इटाढ़ी थाना क्षेत्र के कल्याणपुर का है मामला
- दोनों पक्ष लगा रहे हैं एक दूसरे पर आरोप, चुनाव से जुड़ा है मामला

‌बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : इटाढ़ी थाना क्षेत्र में स्थित कल्याणपुर गांव में चुनावी रंजिश में एक युवक ने कातिलाना हमला किए जाने का का आरोप लगाते हुए थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है मामले में स्थानीय युवकों को ही आरोपी बनाया गया है. उधर दूसरे पक्ष के द्वारा भी थाने में आवेदन देकर यह बताया गया है कि प्रथम पक्ष के द्वारा लगातार दुष्प्रचार किया जा रहा था जिस का विरोध किया जा रहा था लेकिन हमले की बात मनगढ़ंत है. वहीं मामला दर्ज करने के पश्चात पुलिस जांच में जुट गई है.



इस बाबत थाने में हम पक्ष अनूप शुक्ला के द्वारा दिए गए आवेदन के अनुसार स्थानीय गांव के रहने वाले विनोद शुक्ला के 18 वर्षीय पुत्र अनूप शुक्ला गांव से बक्सर के लिए निकले थे. इसी क्रम मे गांव से करीब 2 किलोमीटर दूर स्थित बरहना मोड़ के पास गांव के ही युवक नीतीश उपाध्याय उर्फ अश्वनी, मनीष उपाध्याय पिता पुनपुन उपाध्याय, अंजनी उपाध्याय, पवन उपाध्याय पिता लट्टू उपाध्याय, प्रवेश तुरहा पिता मिला तुरहा ने उसे पकड़ कर पीटना शुरु कर दिया. 

आवेदन में कहा गया है कि नीतीश ने छुरा निकाल कर अनूप की गर्दन पर वार किया वहीं वह सभी कुदाल की बेंत से पीटने लगे. इसके बचाव में अनूप की हथेली बुरी तरह जख्मी हो गइल. वहीं गर्दन पर भी खरोच आई है. युवक के पिता ने बताया कि उक्त परिवार के द्वारा पहले भी कई बार उलझने की कोशिश और मारपीट की हैं. उधर दूसरे पक्ष के लोगों का यह कहना है कि अनूप शुक्ला के द्वारा उन लोगों के साथ अपशब्दों का प्रयोग किया जाता रहा है वहीं चुनाव के दौरान भी अनर्गल प्रलाप होता रहा है जिसका विरोध करने पर वह गलत इल्जाम लगा रहे हैं. थानाध्यक्ष राजेश मालाकार के मुताबिक मामले में दोनों पक्षों के प्राप्त आवेदन के आलोक में जांच की जा रही है. युवक अनूप शुक्ला का एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें वह और संसदीय भाषा का प्रयोग करते नजर आ रहे हैं हालांकि, छुरेबाजी की बात अब तक स्पष्ट नहीं हो पाई है.








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