जिला प्राधिकार के मध्यस्था के बाद हंसी खुशी लौटा परिवार ..

सरकारी जमीन को खाली करने के लिए इन्हें कहा गया और उनके साथ मारपीट की गई. तब जाकर राकेश नट पारा विधिक स्वयंसेवक अनीषा भारती से मिले. मिलने पर अनीषा भारती द्वारा इन्हें विधिक सेवा सदन में जाने की सलाह दी गई. राकेश नट एवं उसका परिवार विगत 5 नवंबर 2011 को प्रातः 9:00 बजे ही (दीपावली के अगले दिन) कार्यालय भवन पहुंच गए. 





- जमीन खाली करने को लेकर हुई थी मारपीट
- दीपावली की सुबह मामला लेकर विधिक सेवा प्राधिकार में पहुंचे थे लोग

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : जिला विधिक सेवा प्राधिकार का कार्यालय विगत 2 अक्टूबर से एक भी दिन बंद नहीं हुआ है. कारण है नालसा द्वारा चलाई जा रही योजना से लोगो को लाभान्वित करने हेतु हर संभव प्रयास करना. इसी क्रम में पारा विधिक स्वयंसेवक, अनीषा भारती द्वारा एक मध्यस्था का मामला कार्यालय में लाया गया. राकेश नट एवं उसकी पत्नी लड्डू देवी विगत 40 वर्षों से डुमराँव प्रखण्ड के छतनवार पंचायत के कृष्णाब्रह्म में सरकारी जमीन पर अपना आशियाना बना कर रहते थे. उनके घर के बगल में रहने वाले डुमराँव प्रखंड के ही छत्रिय राय एवं उनके पुत्रों द्वारा उस सरकारी जमीन को खाली करने के लिए इन्हें कहा गया और उनके साथ मारपीट की गई. तब जाकर राकेश नट पारा विधिक स्वयंसेवक अनीषा भारती से मिले. मिलने पर अनीषा भारती द्वारा इन्हें विधिक सेवा सदन में जाने की सलाह दी गई. राकेश नट एवं उसका परिवार विगत 5 नवंबर 2011 को प्रातः 9:00 बजे ही (दीपावली के अगले दिन) कार्यालय भवन पहुंच गए. 

मामला जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव धर्मेंद्र कुमार तिवारी के संज्ञान में आया. उनके द्वारा तुरंत दोनों पक्षों को बुलवाया गया. बुलवाने के बाद उन दोनों को समझा-बुझाकर, उनके बीच मध्यस्था करा कर, राजी खुशी से हंसी खुशी उन्हें उनके घर भेज दिया गया. 

बुधवार को पुनः यह दोनों पक्ष कार्यालय में उपस्थित हुए और सचिव द्वारा किए गए इस कार्य का कोटि-कोटि धन्यवाद दिया. साथ ही अन्य मद्यस्थ कार्यो में आज में आज वाद संख्या 120/21 गीता देवी बनाम पप्पू शाह वगैरह में दोनों पक्षों को अधिवक्ता माधुरी कुवंर द्वारा, वाद संख्या 121/21 में अधिवक्ता सुरेंद्र प्रसाद ठाकुर द्वारा, मध्यस्था वाद संख्या 57/21 सीमा कुमारी बनाम मनीष कुमार में पैनल अधिवक्ता आरती कुमारी द्वारा मध्यस्था करवाया गया. सीमा कुमारी पिछले छह महीने से अपने मायके में रह रही थी और इन्हे काफ़ी कठिनाइयों का सामना अपने ससुराल में करना पड़ रह था. इस तरह पीड़ित परिवारों को एक दूसरे के साथ कार्यालय परिसर में बैठा कर सालों से बंद पड़े उनके रिश्ते की आज शुरुआत की गईं. उनके हितों में सुधार करने के लिए एक छोटा सा प्रयास किया गया. इस अवसर पर पैनल अधिवक्ता रीमा कुमारी, कार्यालय कर्मी, सुधीर, दीपेश, सुमित, संजीव, सुनील, मनोज आदि मौजूद रहें.












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