वीडियो : भोजपुरी कवि सम्मेलन 19 को, गड़हा मैदान में जुटेंगे देश के प्रख्यात कवि-साहित्कार ..

इस परंपरा के साथ ही दिवंगत संस्थापक की याद में असक्षम लोगों की कन्याओं का सामूहिक विवाह भी कराया जाता है. इस पूरे आयोजन में देश विदेश से लोगों का सहयोग प्राप्त होता रहा है हालांकि, सरकार अगर सहयोग करें तो यह आयोजन और भी भव्य हो सकता है.
प्रेस वार्ता करते गोपाल राय व शुशील राय




- आयोजन को लेकर प्रख्यात गायक सह गड़हा मंच के कोषाध्यक्ष ने की प्रेस वार्ता
- कहा, सरकार का सहयोग मिले तो और भी बेहतर हो सकता है आयोजन

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : अखिल भारतीय भोजपुरी विकास सेवा संस्थान की तरफ से गड़हा विकास मंच के बैनर तले एक बार फिर उत्तर प्रदेश के भरौली में विशाल गड़हा वमैदान कलाकारों की गूंज से गुंजायमान होने वाला है. आगामी 19 दिसंबर को शाम 6:00 बजे से अखिल भारतीय भोजपुरी कवि सम्मेलन में देश के कोने-कोने से कवि, गायक, साहित्यकार और रचनाकार पहुंचेंगे तथा अपनी प्रस्तुतियों से लोगों को भाषा की साहित्यिक गरिमा से अवगत कराते हुए आनंदित करेंगे. 



प्रख्यात गायक तथा गड़हा विकास मंच के कोषाध्यक्ष गोपाल राय ने बताया कि गड़हा विकास मंच के द्वारा वर्ष 2001 से बिहार और यूपी की सीमा पर स्थित भरौली में गड़हा महोत्सव का आयोजन होता रहा है. यहां भोजपुरी के नामचीन कलाकार अपनी गायकी से लोगों का मनोरंजन करते आए हैं. गड़हा विकास मंच के संस्थापक स्वर्गीय हरिशंकर राय के द्वारा शुरू की गई इस परंपरा के साथ ही दिवंगत संस्थापक की याद में असक्षम लोगों की कन्याओं का सामूहिक विवाह भी कराया जाता है. इस पूरे आयोजन में देश विदेश से लोगों का सहयोग प्राप्त होता रहा है हालांकि, सरकार अगर सहयोग करें तो यह आयोजन और भी भव्य हो सकता है.

देश के नामी-गिरामी कवि और साहित्यकार होंगे शामिल : 

गोपाल राय ने बताया कि कार्यक्रम में हेमंत निर्भीक, जयप्रकाश जिद्दी, डॉक्टर सुमन दूबे, डॉ भूषण त्यागी, डॉ अनिल चौबे, डॉ डंडा बनारसी, फजीहत गहमरी, बादशाह प्रेमी, संजीव त्यागी, निजाम बनारसी जैसे कलाकार पहुंचेंगे. ऐसे में यूपी-बिहार के लोगों से यह आग्रह है कि अपनी भोजपुरी माटी के सुगंध को नजदीक से महसूस करने के लिए वह सपरिवार इस कार्यक्रम में हिस्सा लें.

मौके पर संस्थान के बिहार प्रदेश अध्यक्ष सुशील राय ने बताया कि गड़हा महोत्सव का आयोजन कोरोना संक्रमण काल के दौरान प्रभावित हुआ था लेकिन, एक बार फिर यह आयोजन किया गया है. अबकी बार इसका स्वरूप थोड़ा सा बदलते हुए कवि सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है वहीं, इस बार कुछ कारणों से सामूहिक विवाह का आयोजन भी नहीं हो रहा है. कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन के बढ़ते प्रभाव के मद्देनजर कार्यक्रम स्थल पर मास्क, सैनिटाइजर समेत तमाम संक्रमण रोधी उपाय भी किए जाएंगे.

वीडियो कुछ देर में ..





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