वीडियो : गोपालगंज अधिवक्ता हत्याकांड को लेकर बक्सर में भी आक्रोश, सुरक्षा की मांग को लेकर खूब हुई नारेबाजी ..

कहा कि सरकार को अधिवक्ताओं के लिए दिल्ली मध्य प्रदेश एवं अन्य प्रदेशों के तर्ज पर सारी व्यवस्थाओं से लैस करनी चाहिए और उसने मांग पत्र पर विचार करके उनके मांग पत्र लागू कर देनी चाहिए तथा सरकार को अधिवक्ता के हित में रोडमैप तैयार करना चाहिए तभी जाकर वकील दूसरे के केसों में न्याय दिला सकते हैं.





- युवा अधिवक्ता कल्याण संघर्ष समिति के बैनर तले एकजुट हुए अधिवक्ता
- 50 लाख रुपये मुआवजे के साथ-साथ अन्य मांगों को भी उठाया

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : गोपालगंज में अधिवक्ता की गोली मारकर हत्या मामले में बक्सर व्यवहार न्यायालय के अधिवक्ता भी काफी आक्रोश में हैं. युवा अधिवक्ता कल्याण समिति संघर्ष मोर्चा बिहार के बैनर तले प्रदेश के संयोजक डॉ मनोज कुमार यादव के नेतृत्व में सिविल कोर्ट बक्सर के मुख्य द्वार पर बिहार के गोपालगंज के सिविल कोर्ट में कार्यरत अधिवक्ता की हत्या पर उग्र प्रदर्शन किया गया. इस दौरान जमकर नारेबाजी की गई तथा सरकार से अधिवक्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की गई.

प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे डॉ मनोज ने कहा कि गोपालगंज में अधिवक्ता राजेश पांडेय की हत्या सुशासन की सरकार पर सवालिया निशान खड़ा करती है. मृतक के परिजनों को तत्काल 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाए. उन्होने कहा कि बिहार सरकार को कई एक बार मांग पत्र देने के बावजूद आज तक सरकार ने प्रोटेक्शन एक्ट लागू नहीं किया. सरकार वकीलों के प्रति संवेदनशील नहीं है. वकील दूसरे के न्याय के लिए लड़ाई लड़ता है लेकिन वह सुरक्षित नहीं है, जिसके चलते प्रतिदिन वकीलों की हत्या हो रही है. 

उन्होंने आगे कहा कि युवा अधिवक्ता कल्याण समिति ने पांच सूत्री मांग पत्र मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार को भी दिया गया जिसमें एडवोकेट पेंशन एक्ट लागू करने, वकीलों की हत्या की स्थिति में मुआवजा देने की नीति बनाने, कोर्ट फीस में 20 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ नए वकीलों को 5 वर्षों 25 हज़ार रुपये का स्टाइपेंड देने की माँग के साथ ही एपी, एजीपी, पीपी और जीपी के नियुक्ति में अधिवक्ता महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण देने की मांग की. डॉ मनोज ने कहा कि सरकार को अधिवक्ताओं के लिए दिल्ली मध्य प्रदेश एवं अन्य प्रदेशों के तर्ज पर सारी व्यवस्थाओं से लैस करनी चाहिए और उसने मांग पत्र पर विचार करके उनके मांग पत्र लागू कर देनी चाहिए तथा सरकार को अधिवक्ता के हित में रोडमैप तैयार करना चाहिए तभी जाकर वकील दूसरे के केसों में न्याय दिला सकते हैं.

इस प्रदर्शन में सुमन कुमार श्रीवास्तव, सुनील कुमार मालाकार, सुरेंद्र प्रसाद कुशवाहा, वरीय अधिवक्ता रामेश्वर प्रसाद वर्मा, संतोष कुमार श्रीवास्तव, नीतीश कुमार उपाध्याय, राम प्रवेश वर्मा, शशि शेखर, अजय कुशवाहा, अरविंद भगत, जितेंद्र राम, राघव कुमार पांडेय, शमशाद खान, राजेश कुमार, भरत सिंह, पारस यादव, दीपिका केसरी, कंचन चौबे, दिवाकर मिश्रा, बंधु पासवान, रुखसाना बेगम, सुरेंद्र प्रसाद सिंह, ददन कुमार सिंह, लोकेश मिश्रा के अलावे सैकड़ों अधिवक्ता ने राजेश पांडे की हत्या पर प्रदर्शन किया.








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