धरना समाप्त कर फुटपाथी दुकानदारों ने कहा, नप के भ्रष्टाचार पर लिख सकते किताब, पदाधिकारी की बर्खास्तगी की मांग ..

प्रकाश की कोई व्यवस्था नहीं कि गयी, जिससे शाम होते ही वेंडिंग जोन में अंधेरा पसर जाता है. मतलब तमाम ऐसी कुव्यवस्थाएं और भ्रष्टाचार हुआ है कि उस पर एक किताब लिखी जा सकती है. ऐसे में प्रेस वार्ता के जरिए मुख्यमंत्री से मांग करते हुए कहा कि भ्रष्ट कार्यपालक पदाधिकारी को तुरंत बर्खास्त कर एक निष्पक्ष जांच आयोजित कर इन्हें इस भ्रष्टाचार हेतु दंडित किया जाए.





- कहा जिन शर्तों पर धरना तुड़वाया उसे नहीं किया पूरा
- पदाधिकारियों पर भ्रष्टाचार के लगाए गंभीर आरोप

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर :  शहर स्तरीय फुटपाथ दुकानदार संघ के द्वारा नगर परिषद कार्यालय के समक्ष चल रहा अनिश्चितकालीन धरना सदर विधायक संजय कुमार तिवारी के हस्तक्षेप के बाद समाप्त हो गया. लगी फुटपाथ दुकानदारों ने नगर परिषद पर वादाखिलाफी के आरोप लगाए हैं साथी यह कहा है कि नगर परिषद में व्याप्त भ्रष्टाचार की जांच होनी चाहिए और अगर अधिकारी की उस में संलिप्तता पाई जाए तो उसे बर्खास्त कर देना चाहिए.

बाद में इस बाबत स्टेशन रोड स्थित कार्यालय में प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया, प्रेस वार्ता के दौरान संघ के अध्यक्ष अनिल कुमार, जिला कांग्रेस कमिटी व्यावसायिक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष राम नारायण टीवीसी सदस्य दसरथ प्रसाद गोंड, विश्वनाथ प्रजापति ने मीडियाकर्मियों को संबोधित किया जिसमें सभी ने एक स्वर से नगर परिषद बक्सर के कार्यप्रणाली की कड़ी निंदा की. 

पत्रकारों से मुखातिब होते हुए राम नारायण ने बताया कि नगर परिषद कार्यालय के समक्ष पिछले तीन दिनों से चल रहा बेमियादी धरना समाप्त हो गया है. सदर विधायक संजय कुमार तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी के हस्तक्षेप से एक आम राय कायम हुई कि नगर परिषद कार्यालय के नोटिस बोर्ड पर आवंटियों की सूची वसूली गयी राशि और वेंडिंग जोन में आवंटन स्थल को प्रदर्शित करते हुए प्रकाशित की जाएगी, लेकिन रात्रि 8 बजे तकरीबन कार्यालय द्वारा बताया गया कि सूची प्रकाशित हो गयी है और धरना समाप्त हो गया लेकिन, प्रकाशित सूची देखने पर पता चला कि उसमें आवंटियों का नाम और आवंटन स्थल के अलावा और कोई सूचना नहीं है साथ ही राशि कितनी वसूली गयी इसकी कोई चर्चा भी नहीं है और सूची पर किसी भी पदाधिकारी के दस्तखत भी नहीं हैं, ऐसा करके नगर परिषद ने धरनार्थियों और सदर विधायक के पीठ में छुरा घोपने का काम किया है, पिछले तीन दिनों में हम सभी नगर परिषद के भ्रष्ट रवैये से आमने सामने होकर काफी चकित हैं, वेंडिंग जोन का उद्घाटन हुए बीस दिन से अधिक हो गए एक सौ पचास से अधिक दुकानदारों से एक हज़ार रुपये और किसी किसी से उससे भी ज्यादा रुपये वसूल कर नगर परिषद कर्मी डेढ़ लाख से अधिक रुपये नगद अपनी जेब मे लेकर घूम रहे हैं. उसे किसी बैंक खाते में आज तक नहीं डाला गया है, इसमें ब्याज से नप को जो राजस्व आना था उसकी भरपाई कौन करेगा? यूनिफॉर्म के नाम पर 500 रुपये इकठ्ठा किये गए गए हैं उसके लिए आज तक कोई निविदा प्रकाशित नहीं कि गयी. मीट मछली दुकानदारों को एक रद्दी काउंटर बनवा कर देने के एवज में तेरह तेरह हजार दुकानदारों से ऐंठने की योजना है. जिस वेंडिंग जोन का उद्घाटन मुख्यमंत्री बिहार सरकार पिछले 4 दिसंबर को ही कर चुके है उनके चबूतरों का फर्श आज तक नहीं बना, पिलरों को बिना पलस्तर किये ही पेंट कर दिया गया. काराकट शेड डालने के लिए बनाए गए सभी पिलरों की लोहे का एंगल डालकर काराकट से कनेक्ट नहीं किया गया जिससे एक जोरदार आंधी में उनके उड़ जाने का खतरा है. प्रकाश की कोई व्यवस्था नहीं कि गयी, जिससे शाम होते ही वेंडिंग जोन में अंधेरा पसर जाता है. मतलब तमाम ऐसी कुव्यवस्थाएं और भ्रष्टाचार हुआ है कि उस पर एक किताब लिखी जा सकती है.
ऐसे में प्रेस वार्ता के जरिए मुख्यमंत्री से मांग करते हुए कहा कि भ्रष्ट कार्यपालक पदाधिकारी को तुरंत बर्खास्त कर एक निष्पक्ष जांच आयोजित कर इन्हें इस भ्रष्टाचार हेतु दंडित किया जाए.

बाद में बोलते हुए अनिल कुमार ने कहा कि यदि नप प्रशासन अपने भ्रष्टाचार पर लगाम नहीं लगाती है और हमारी हकमारी करती है तो दुकानदार अब सड़क पर उतर कर संघर्ष करेंगे तथा अत्याचारियों की ईंट से ईंट बजा देंगे और इससे जो भी विधि व्यवस्था का संकट खड़ा होगा इसके लिए नगर परिषद प्रशासन जवाबदेह होगा.









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