दूल्हे राजा को नहीं भाई घोड़ी और कार, दुल्हनिया लाने निकले उड़न खटोले पर होकर सवार ..

उसने अपनी नई नवेली दुल्हनिया को लाने के लिए जिले से भोजपुर जिले के लिए उड़ान भरी और वहां से दुल्हनिया को वापस आया. हेलीकॉप्टर पर सवार दूल्हा-दुल्हन को देखने के लिए गांव में लोगों की भीड़ लग गई. कौतूहल वश लोगों की भीड़ जमा रही और लोग हेलीकॉप्टर के साथ सेल्फी खिंचाते हुए देखे गए.







- दो जिलों के लोगों के बीच बने कौतूहल का विषय
- सेल्फी खिंचाने आने वालों की लगी रही भीड़

जागरण संवाददाता, बक्सर :   जिले में एक ऐसी अनोखी बारात आई है, जिसको लेकर दो जिलों के लोगों के बीच चर्चाओं का बाज़ार गर्म है. चर्चा इसलिए क्योंकि, इस बारात का इंजीनियर दूल्हा लग्जरी कार अथवा घोड़ी पर नहीं बल्कि उड़न खटोले यानि कि हेलीकॉप्टर का शौकीन निकला. उसने अपनी नई नवेली दुल्हनिया को लाने के लिए जिले से भोजपुर जिले के लिए उड़ान भरी और वहां से दुल्हनिया को वापस आया. हेलीकॉप्टर पर सवार दूल्हा-दुल्हन को देखने के लिए गांव में लोगों की भीड़ लग गई. कौतूहल वश लोगों की भीड़ जमा रही और लोग हेलीकॉप्टर के साथ सेल्फी खिंचाते हुए देखे गए.

दरअसल, चक्की प्रखंड के परसिया गांव निवासी सुरेंद्र नाथ तिवारी के पुत्र राजू तिवारी रेलवे में इंजीनियर के पद पर कार्यरत हैं. वर्तमान में वह आंध्र प्रदेश में नौकरी कर रहे हैं. उनकी शादी भोजपुर जिले के बड़हरा प्रखंड क्षेत्र रामशहर गांव निवासी स्वर्गीय वीरेंद्र कुमार चौबे की पुत्री कृपा कुमारी से होनी तय हुई. इंजीनियर दूल्हे का यह अरमान था कि वह हेलीकॉप्टर से ही अपनी दुल्हनिया ले आएगा. परिजनों की सहमति के बाद उसने 8 लाख रुपये खर्च कर हेलीकॉप्टर की बुकिंग कराई हालांकि, परेशानी अभी खत्म नहीं हुई. जिला पदाधिकारी की अनुमति के बिना ना तो हेलीकॉप्टर जिले में प्रवेश कर सकता था और ना ही यहां से उड़ान भर सकता था. ऐसे में उन्होंने डीएम अमन समीर के यहां गुहार लगाई. डीएम ने जब दूल्हे के अनुरोध को सुना तो उन्होंने तुरंत ही अधिकारियों से जांच कराने के बाद अनापत्ति प्रमाण पत्र निर्गत कर दिया जिसके बाद राजू का सपना साकार हो सका.

मामले में जिला पदाधिकारी ने बताया कि उनके पास अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए आवेदन आया था, जिसके बाद उन्होंने अनुमंडल पदाधिकारी पंकज कुमार एवं भवन निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता राजेश कुमार को तुरंत ही जांच कर प्रतिवेदन मांगा, जिसके आधार पर अनापत्ति प्रमाण पत्र दिया गया.











Post a Comment

0 Comments