बताया जा रहा है कि कई कैदी ऐसे होते हैं जो किशोर न्याय अधिनियम का लाभ लेना चाहते हैं. ऐसे में वह गलत उम्र बताते हैं ताकि उन्हें उनकी गुनाहों को कम सजा मिले लेकिन, इस कैदी की उम्र पर प्रशासन को संदेह हुआ इसलिए उसकी जांच कराई गई.
- सुरक्षा इंतजामों के बीच सदर अस्पताल लाया गया कैदी
- जल्द ही जांच रिपोर्ट सौंपेंगे सदर अस्पताल के चिकित्सक
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : केंद्रीय कारा में बंद एक कैदी की उम्र के बारे में संदेह होने पर कारा प्रशासन के द्वारा सदर अस्पताल में उसके उम्र की जांच कराने के लिए भेजा गया. जानकारी देते हुए सदर अस्पताल में पहुंचे हवलदार सुरेंद्र ठाकुर ने बताया कि कारा में बंद एक कैदी के द्वारा अपनी उम्र कम बताई गई है लेकिन उसकी वास्तविक ज्यादा लग रही है. ऐसे में न्यायालय के आदेश पर उसकी उम्र की जांच कराई जा रही है. यदि वह किशोर हुआ तो उसे आरा स्थित बाल सुधार गृह में भेजा जाएगा.
कैदी को सुरक्षा इंतजाम के बीच केंद्रीय कारा से सदर अस्पताल में लाया गया जहां सुरक्षाकर्मियों के द्वारा जांच कराने के लिए चिकित्सक से अनुरोध किया गया. इसके बाद अस्पताल के चिकित्सक ने आवश्यक जांच करने के उपरांत कैदी को पुनः केंद्रीय कारा भेज दिया. बताया जा रहा है कि कई कैदी ऐसे होते हैं जो किशोर न्याय अधिनियम का लाभ लेना चाहते हैं. ऐसे में वह गलत उम्र बताते हैं ताकि उन्हें उनकी गुनाहों को कम सजा मिले लेकिन, इस कैदी की उम्र पर प्रशासन को संदेह हुआ इसलिए उसकी जांच कराई गई.
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