वीडियो : बचपन में ही पिता को खो चुका छवि अब पाकिस्तान में फंसा ..

उन्हें बताया गया कि विदेश मंत्रालय से यह सूचना आई है कि सभी नामक एक युवक पाकिस्तान की जेल में बंद है जिसमें अपना पता खिलाफतपुर बताया है. उन्होंने उसके गायब होने का समय तथा उम्र पूछा, तस्वीर दिखाई जिसे देखते ही उन्होंने झट से पहचान लिया कि वह उनका 12 साल पूर्व गायब हो गया नाती छवि ही है.
छवि मुसहर के रिश्तेदार तथा इनसेट में छवि की तस्वीर




- मजदूरी कर मां ने किया था तीन संतानों का लालन-पालन
- छवि के घर वापसी की उम्मीद लगा कर बैठे हैं घरवाले तथा रिश्तेदार

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : 12 साल पहले चौसा के खिलाफतपुर से गायब हुए छवि मुसहर के बारे में भले ही यह जानकारी मिल गई हो कि वह पाकिस्तान की जेल में बंद है लेकिन, उसकी घर वापसी को लेकर कुछ भी स्पष्ट नहीं है. फिर भी उसके घर वाले तथा रिश्तेदार यह उम्मीद लगाए बैठे हैं कि सरकार के द्वारा छवि को पाकिस्तान से भारत जरूर लाया जाएगा. छवि की मां बिरति देवी बताती हैं कि छवि के पिता लोरिक राम वनवासी की मृत्यु काफ़ी पहले हो गई थी. जिसके बाद तीन संतानों रवि, छवि व गोरख की परवरिश के लिए उन्हें हाड़-तोड़ मेहनत करनी पड़ती थी.



एक साथ खेलते-कूदते बढ़े हुए रवि और छवि की शादी भी की लेकिन, बाद में छवि मानसिक रूप से कुछ परेशान रहने लगा. इसी परेशानी में एक-दो बार वह घर से भागा लेकिन, वापस लौट आया. परंतु एक दिन जब सब लोग जागे तो यह देखा कि छवि घर में नहीं है. पूरा दिन बीतने के बाद चिंता हुई. खोजबीन शुरू हुई लेकिन, उसका कुछ पता नहीं चला. देखते-देखते कई महीने और फिर कई वर्ष बीत गए. वर्तमान में उनका बड़ा पुत्र अपनी पत्नी व बच्चों के साथ खिलाफ़तपुर में ही रहता है जबकि सबसे छोटा बेटा कोचस के निबिया गांव स्थित अपनी ससुराल में बस गया है तथा वहीं मजदूरी करता है.

नवजात के साथ मायके गई छवि की पत्नी, अब शादी की है चर्चा :

छवि के गायब होने के बाद उसकी गर्भवती पत्नी एक बच्चे को जन्म दिया तकरीबन 2 साल तक जब उसके पति का कुछ अता-पता नहीं चला तो सब ने यह मान लिया कि अब वह इस दुनिया में नहीं है. छवि की पत्नी अनीता अपने नवजात बच्चे के साथ भोजपुर जिले के पियनिया स्थित अपने मायके चली गई. बाद में यह चर्चा सुनी गई कि उसकी दूसरी शादी भी कर दी गई है.

नाना ने कहा, देखते ही पहचान ली छवि की तस्वीर :

छवि मुसहर के नाना हरेराम ने बताया कि स्थानीय चौकीदार बुधवार को उनके घर पहुंचे जिसके बाद उन्हें बताया गया कि विदेश मंत्रालय से यह सूचना आई है कि सभी नामक एक युवक पाकिस्तान की जेल में बंद है जिसमें अपना पता खिलाफतपुर बताया है. उन्होंने उसके गायब होने का समय तथा उम्र पूछा, तस्वीर दिखाई जिसे देखते ही उन्होंने झट से पहचान लिया कि वह उनका 12 साल पूर्व गायब हो गया नाती छवि ही है. ममेरे भाई ललकू मुसहर तथा छट्ठू मुसहर भी अपने भाई के बारे में जानकारी मिलने पर बहुत खुश हैं.

तो क्या चेबी ही है छवि? :

थानाध्यक्ष अमित कुमार ने बताया कि विदेश मंत्रालय से जो पत्र आया था उसमें यह लिखा गया था कि तकरीबन 12 साल पहले एक युवक पाकिस्तान में बरामद किया गया था. बाद में उसे जेल में बंद कर दिया गया था. जेल में ही उससे अपना नाम चेबी तथा गांव बक्सर के खिलाफतपुर बताया है. खिलाफतपुर छोटी सी जगह है. वहां पहुंचकर जब जानकारी दी गई तो लोगों ने बताया कि जिस समय पाकिस्तान में युवक की गिरफ्तारी की बात कही जा रही है उसी समय से छवि भी गायब है. ऐसे में यह स्पष्ट हो गया कि स्पेलिंग मिस्टेक के चलते छवि का नाम चेबी लिख दिया गया था.

काफी बदहाल है मुसहर बस्ती लोगों के हालात : 

खिलाफ़तपुर मुसहर बस्ती में करीब 100 घर इसी समुदाय के लोगों के हैं. सभी मेहनत-मजदूरी कर अपना जीविकोपार्जन करते हैं. कुछ ईंट-भट्ठे पर तो कुछ खेतों में काम करते हैं. अधिकांश घर झोपड़ीनुमा हैं. जो पक्के के घर बने हैं उन्हें भी इंदिरा तथा प्रधानमंत्री आवास से पूरी राशि नहीं मिली है. संपत्ति के नाम पर इनके पास ओढ़ने-बिछाने के बिस्तर, कुछ बरतन तथा पहनने के लिए फटे कपड़ों के अलावे कुछ भी नहीं हैं. सरकार जो राशन हर माह देती है उसी से दाल-रोटी चल पाती है.

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