उपभोक्ता फोरम : तीन वर्ष में जैसे-तैसे निपटाए गए 64 मामले, छह माह से नहीं खुला निष्पादन का खाता ..

सूत्र बताते हैं कि 1996 में उपभोक्ता फोरम के सदस्यों का मानदेय दो हज़ार पांच सौ रुपये हुआ करता था लेकिन, वर्ष 2021 में यह राशि बढ़ाकर 75 हज़ार के करीब पहुंच गई है. जबकि अध्यक्ष का वेतन तकरीबन 1.5 लाख रुपये से ज्यादा कर दिया गया है. मानदेय भले ही बढ़ गया हो लेकिन, उपभोक्ताओं के मामलों को निष्पादित करने की गति बढ़ने के बजाय घट कर रह गई है.
आयोग के द्वार पर बैठे क्लर्क आदेशपाल एवं पेशकार

 






- सरकार ने बढ़ाया मानदेय लेकिन, नहीं बढ़ी मामलों के निष्पादन की गति 
- पहले रहते थे एक से दो मामले लंबित अब संख्या पहुंची 50 तक


बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : सरकार ने उपभोक्ता फोरम के सदस्यों का मानदेय तथा उनको मिल रही सुविधाओं में लगातार इजाफा किया है लेकिन, जिस हिसाब से मानदेय तथा अन्य सुविधाएं बढ़ी हैं मामलों के निष्पादन की गति नहीं बढ़ाई गई. नतीजतन लंबित मामलों में लगातार बढ़ोतरी होती जा रही है. सूत्र बताते हैं कि 1996 में उपभोक्ता फोरम के सदस्यों का मानदेय दो हज़ार पांच सौ रुपये हुआ करता था लेकिन, वर्ष 2021 में यह राशि बढ़ाकर 75 हज़ार के करीब पहुंच गई है. जबकि अध्यक्ष का वेतन तकरीबन 1.5 लाख रुपये से ज्यादा कर दिया गया है. मानदेय भले ही बढ़ गया हो लेकिन, उपभोक्ताओं के मामलों को निष्पादित करने की गति बढ़ने के बजाय घट कर रह गई है. पहले जहां साल के अंत में एक या दो मामले ही लंबित रहते थे वहीं अब यह संख्या 50 तक पहुंच जाती है.

कभी कोरोना का बहाना तो कभी ठंड लगा इल्ज़ाम, धीरे-धीरे हो रहा काम :

वक्त आने वाले में पिछले तीन साल के आंकड़ों पर गौर करें तो स्थिति बहुत ही विचित्र है. तीन साल में जहाँ 300 से ज्यादा मामले दर्ज हुए वहीं, केवल 64 मामले निबटाए गए हैं, जिनमें वर्ष 2004 से लंबित मामले भी शामिल हैं. वर्ष 2021 के अगस्त माह में केवल चार मामलों का निष्पादन लोक अदालत से किया गया. जिसके बाद तकरीबन छह माह गुजर जाने के बावजूद निष्पादन का खाता तक नहीं खुल पाया.

वर्ष 2019 में निष्पादित मामले : 

अप्रैल - 8 
मई - 9
जून - 6
जुलाई - 2
अगस्त - 7
सितंबर - 9
अक्टूबर - 5
नवंबर - 1
दिसंबर - 1

वर्ष 2020 में निष्पादित मामले

जनवरी - 3
फरवरी - 6
मार्च - 3
अप्रैल - 0
मई - 0
जून - 0
जुलाई -0 
अगस्त - 0
सितम्बर - 0
अक्टूबर - 0 
नवम्बर - 0
दिसम्बर - 0

वर्ष 2021 में निष्पादित किए गए मामले  

जनवरी - 0
फरवरी - 0
मार्च - 0
अप्रैल - 0
मई - 0
जून - 0
जुलाई -0 
अगस्त - 4 (लोक अदालत में)
सितम्बर - 0
अक्टूबर - 0 
नवम्बर - 0
दिसम्बर - 0

सदस्य ने भिजवाया छुट्टी का आवेदन :

बताया जा रहा है कि जागरण में खबर के प्रकाशन के बाद उपभोक्ता फोरम के सदस्यों व कर्मियों में हड़कंप का माहौल कायम है. ऐसे में शुक्रवार को आयोग के दो सदस्यों में शामिल सीमा सिंह लगातार कार्यालय में उपस्थित रहे वहीं दूसरे सदस्य नंदकुमार सिंह ने छुट्टी का आवेदन भिजवा दिया है. इसके अतिरिक्त कोविड नियमों का हवाला देते हुए स्टेनोग्राफर गायब रहे जबकि, लिपिक महिला पेशकार एवं आदेशपाल भी कार्यालय अवधि में अपनी ड्यूटी बजाते देखे गए.

जितने का मामला नहीं उससे अधिक कर दिया खर्च :

व्यवहार न्यायालय के अधिवक्ता उमेश सिंह बताते हैं कि उनके द्वारा ही बिजली बिल तथा टेलीफोन बिल संबंधित दो मामले उपभोक्ता आयोग में दर्ज कराए गए. तकरीबन 15 साल से ज्यादा समय गुजर जाने के बावजूद उन मामलों का निष्पादन नहीं हो सका है. उक्त दोनों मामलों में उपभोक्ताओं ने जितनी राशि को लेकर मामला दर्ज कराया था उससे अधिक वह आने जाने में खर्च कर चुके हैं.

कार्यालय से अनुपस्थित हैं अध्यक्ष :

मामलों के निष्पादन में इतनी अनियमितता बढ़ते जाने को लेकर जब उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष से संपर्क करने के लिए कार्यालय का रुख किया गया तो वहां वह नहीं मिल सके। उनके मोबाइल नंबर 7260880051 पर कई बार संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन, संपर्क नहीं होने के कारण उनका पक्ष नहीं ज्ञात हो सका.










Post a Comment

0 Comments