प्राथमिकी के आवेदन में निगरानी विभाग ने नियोजित शिक्षिका के मैट्रिक एवं इंटर के प्रमाणपत्रों को फर्जी पाते हुए इसे संज्ञेय अपराध करार दिया है तथा शिक्षिका समेत इस कार्य में लिप्त अन्य अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर अनुसंधान की आवश्यकता जताई है.
- चक्की प्रखंड के लक्ष्मण डेरा गांव का है मामला
- वर्ष 2005 से मध्य विद्यालय में कार्यरत शिक्षिका
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : निगरानी विभाग ने जिले की एक और फर्जी शिक्षिका का भंडाफोड़ किया है. फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर नौकरी कर रही शिक्षिका वर्ष 2005 से चक्की प्रखण्ड के लक्ष्मण डेरा मध्य विद्यालय में पदस्थापित उक्त पंचायत शिक्षिका रेखा कुमारी, पिता - धुरबल यादव ने केवल मैट्रिक या केवल इंटर के ही प्रमाणपत्रों में हेराफेरी नहीं की बल्कि, दोनों में ही उम्र का भी फर्जीवाड़ा किया और शिक्षिका बन गई. निगरानी विभाग ने उनके खिलाफ ब्रह्मपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है.

निगरानी विभाग द्वारा प्राथमिकी के लिए दिए गए आवेदन में पंचायत शिक्षिका के बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा जांच प्रतिवेदन का उल्लेख किया गया है, जिसमें यह कहा गया है कि रेखा कुमारी के मैट्रिक का अंक प्रमाण पत्र जिस रौल कोड एवं रौल नंबर से है उस रौल कोड एवं रौल नंबर पर मनोज कुमार पिता मंगरू सिंह तथा श्रेणी फेल दर्ज है. जबकि, शिक्षिका ने प्राप्तांक 514 प्रथम श्रेणी दर्ज किया था. इतना ही नही इनकी जन्म तिथि में भी हेरफेर है. इसी तरह इंटर कला संकाय के अंक प्रमाण पत्र में उन्होंने प्राप्तांक 630 दर्शाया है. खास बात यह कि वह प्रमाण पत्र भी वीरु कुमार सिंह पिता ललित सिंह के नाम से है और उसमें प्राप्तांक 270 श्रेणी फेल दर्ज है.
प्राथमिकी के आवेदन में निगरानी विभाग ने नियोजित शिक्षिका के मैट्रिक एवं इंटर के प्रमाणपत्रों को फर्जी पाते हुए इसे संज्ञेय अपराध करार दिया है तथा शिक्षिका समेत इस कार्य में लिप्त अन्य अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर अनुसंधान की आवश्यकता जताई है. मामले का पर्दाफाश होने के बाद फर्जी प्रमाण पत्र पर नौकरी करने वाले शिक्षकों में बेचैनी की स्थिति देखी गई. मामले की जांच शुरू कर दी गई है.
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