वीडियो : एसपी के सुरक्षाकर्मियों व हरिओम की मदद से बची बेसहारा पशु की जान ..

बताया कि रेस्क्यू सेंटर में वह बेसहारा पशुओं की सेवा करते हैं. पिछले दिनों किसी दुर्घटना में अपना एक पैर गवां चुका एक बेसहारा पशु को उनके यहां लाया गया है जिसका इलाज किया जा रहा है और अब वह बेहतर स्थिति में है. उन्होंने कहा कि प्रशासन के द्वारा यदि दवा आदि की भी उपलब्ध कराई जाए तो वह पशुओं की और बेहतर सेवा कर सकते हैं.





- शिकारी कुत्तों जान बचाकर गंगा में लगाई थी छलांग, घायल अवस्था में किया गया रेस्क्यू
- एसडीएम की पहल पर पहुंचे पशु क्रूरता निवारण विभाग के निरीक्षक

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : नए साल के पहले दिन लोगों ने अलग अलग तरीके से नए साल का स्वागत किया. इसी बीच संभवत: गंगा घाट के किनारे घूमने वाले आवारा कुत्तों से बचते हुए नीलगाय का एक बच्चा गंगा में कूद गया. यह घटना एसपी कार्यालय के समीप स्थित गोलाघाट के बगल में हुई
गंगा में डूबने से बचने की कोशिश कर रहे पशु को देखने के बाद एसपी के सुरक्षाकर्मियों के सहयोग से उसे गंगा से बाहर निकाला गया. आवारा कुत्तों के द्वारा उसे घायल कर दिए जाने की वजह से वह इस स्थिति में नहीं था कि अपने पैरों पर भी खड़ा हो सके.


ऐसे में सर्वप्रथम उन्होंने लकड़ी आदि जलाकर किसी तरह गर्मी पैदा करने की कोशिश की, तत्पश्चात चुरामनपुर के समीप रेस्क्यू सेंटर चलाने वाले हरिओम चौबे को इस बात की सूचना दी गई. बुखार से पीड़ित होने के बाद भी हरिओम चौबे पशु चिकित्सक को लेकर मौके पर पहुंचे जहां चिकित्सक ने प्राथमिक उपचार के साथ साथ घायल पशु को रेबीज तथा एंटीबायोटिक के इंजेक्शन दिए. तकरीबन एक घंटे के बाद नील गाय का बच्चा अपने पैरों पर खड़ा हो गया. 




अब उसका बेहतर उपचार किए जाने के लिए उसे अन्यत्र ले जाने की आवश्यकता थी जिस पर हरिओम चौबे ने उसे अपने रेस्क्यू सेंटर ले जाने की इच्छा जताई लेकिन, वहां ले जाने के लिए उनके पास कोई साधन नहीं था. ऐसे में एसडीएम धीरेंद्र कुमार मिश्रा के निर्देश पर पशु क्रूरता निवारण विभाग के निरीक्षक दीपक कुमार अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और पशु को रेस्क्यू सेंटर पहुंचाया. हालांकि, मौके पर मौजूद लोगों ने यह बताया कि पूर्व में पशुपालन विभाग के अधिकारियों को फोन किया गया था लेकिन उनके द्वारा संसाधनों की कमी का हवाला दिया गया लेकिन बाद में जब अधिकारी ने फोन किया तो उनके द्वारा मदद की गई.

हरिओम चौबे ने बताया कि रेस्क्यू सेंटर में वह बेसहारा पशुओं की सेवा करते हैं. पिछले दिनों किसी दुर्घटना में अपना एक पैर गवां चुका एक बेसहारा पशु को उनके यहां लाया गया है जिसका इलाज किया जा रहा है और अब वह बेहतर स्थिति में है. उन्होंने कहा कि प्रशासन के द्वारा यदि दवा आदि की भी उपलब्ध कराई जाए तो वह पशुओं की और बेहतर सेवा कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि वह जो कुछ भी कर पा रहे हैं वह केवल कुछ मददगार लोगों की सहायता से संभव हो पा रहा है.

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