बिना कार्य कराए निकाल लिए 26 लाख रुपये, पूर्व मुखिया समेत छह पर एफआइआर ..

बिना कार्य कराए ही तत्कालीन मुखिया तथा संबंधित पदाधिकारियों की मिलीभगत से 26 लाख रुपये की निकासी कर ली गई. यह मामला जिला पंचायती राज विभाग के द्वारा वित्त विभाग के माध्यम से कराए जा रहे विशेष ऑडिट में पकड़ में आया और इसमें पूर्व मुखिया, कार्यक्रम पदाधिकारी समेत छह लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया है. 





- पंचायत में विकास योजनाओं की जांच के दौरान हुआ खुलासा
- इटाढ़ी प्रखंड के इंदौर पंचायत का है मामला

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : पंचायती राज विभाग के ने निर्देश पर ग्रामीण स्तर पर हुए विकास कार्यों की जांच जांच चल रही है जो जून माह तक चलेगी. इस जांच के दौरान एक बड़ी गड़बड़ी सामने आई है जिसमें बिना कार्य कराए तकरीबन 26 लाख रुपये की निकासी कर लेने की बात कही जा रही है. मामले में सम्बंधित विभाग के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी के द्वारा पंचायत के तत्कालीन मुखिया, मनरेगा के कार्यक्रम पदाधिकारी समेत छह लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. 



इस बाबत मिली जानकारी के मुताबिक इटाढ़ी प्रखंड के इंदौर पंचायत में मनरेगा के माध्यम से कई जनोपयोगी कार्य कराए जाने थे लेकिन, यहां बिना कार्य कराए ही तत्कालीन मुखिया तथा संबंधित पदाधिकारियों की मिलीभगत से 26 लाख रुपये की निकासी कर ली गई. यह मामला जिला पंचायती राज विभाग के द्वारा वित्त विभाग के माध्यम से कराए जा रहे विशेष ऑडिट में पकड़ में आया और इसमें पूर्व मुखिया, कार्यक्रम पदाधिकारी समेत छह लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया है. 

थानाध्यक्ष राजेश मालाकार ने बताया कि जिला कार्यक्रम पदाधिकारी कुंदन कुमार के बयान पर तत्कालीन मुखिया केशव प्रसाद, इटाढ़ी के तत्कालीन कार्यक्रम पदाधिकारी रवि रंजन (जो कि वर्तमान में भोजपुर जिले में कार्यरत हैं) लेखापाल माया कुमारी, तत्कालीन कनीय अभियंता तथा वर्तमान में पटना में कार्यरत लैलून पासवान, तत्कालीन पंचायत तकनीकी सहायक तथा वर्तमान में ब्रह्मपुर प्रखंड में कार्यरत साकिब आलम, इंदौर पंचायत के पंचायत रोजगार सेवक योगेश कुमार मिश्रा के विरुद्ध सुसंगत धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई है.





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