बैरी गांव निवासी नंद कुमार तिवारी के दोनों पुत्रों में अभिनव कुमार ने 62 लाख रुपये के पैकेज पर नाइजीरिया में नौकरी पाई है जबकि दूसरे बेटे कुमार अभिज्ञान ने उम्र के छोटे पड़ाव में ही चार्टर्ड अकाउंटेंट की परीक्षा पास कर अपने माता-पिता के साथ ही अपने दादा शिव शंकर तिवारी के सपने को साकार किया है.
अभिनव और अभिज्ञान(बाएं से दाएं) |
- भोजपुरी अश्लीलता मुक्ति के ध्वजवाहक नंद कुमार तिवारी के पुत्र हैं दोनों युवा
- परिवार के सभी बड़ों को दिया अपनी सफलता का श्रेय
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : कहते हैं, "मंजिले उन्ही को मिलती है जिनके सपनों में जान होती है, पंखों से नहीं बल्कि हौसलों से उड़ान होती है.." कुछ ऐसा ही कर दिखाया है. बक्सर में भोजपुरी में अश्लीलता हटाने के लिए अभियान चला रहे नंद कुमार तिवारी के दोनों पुत्रों ने. उन्हें लाखों रुपयों के पैकेज पर विदेश में नौकरी मिली है. जिले के इटाढ़ी प्रखंड के बैरी गांव निवासी नंद कुमार तिवारी के दोनों पुत्रों में अभिनव कुमार ने 62 लाख रुपये के पैकेज पर नाइजीरिया में नौकरी पाई है जबकि दूसरे बेटे कुमार अभिज्ञान ने उम्र के छोटे पड़ाव में ही चार्टर्ड अकाउंटेंट की परीक्षा पास कर अपने माता-पिता के साथ ही अपने दादा शिव शंकर तिवारी के सपने को साकार किया है.
पिछले दिनों बक्सर स्थित अपने आवास से खेती के कुछ कार्यवश अपने गांव पहुंचे नंद कुमार तिवारी के मोबाइल फोन पर जब यह संदेश आया कि दोनों बेटों ने एक साथ सफलता हासिल की है तो वह खुशी से फूले नहीं समाएं. यह खबर घर पहुंचते अभिनव और अभिज्ञान की माता उषा तिवारी की आंखें भी खुशी से भर आई. नंद कुमार तिवारी ने बताया कि बक्सर डीएवी से प्रारंभिक शिक्षा ग्रहण करने के बाद अभिनव ने दिल्ली से इंटरमीडिएट की पढ़ाई की साथ ही साथ सिंबोसिस से एमबीए की पढ़ाई एसीएम-एचआरडी पुणे से इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट एंड मैनेजमेंट कोर्स किया जिसके बाद इस मुकाम को प्राप्त किया है. उन्हें तीन कंपनियों से ऑफर मिला जिसमें एप्पल, टेक महिंद्रा और टोला राम नाइजीरिया शामिल हैं. इस तरह अभिनव को 62 लाख रुपये के पैकेट पर यह जॉब टोला राम कंपनी में मिली है. दूसरी तरफ कुमार अभिज्ञान ले पटना से इंटरमीडिएट की पढ़ाई करने के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय से बीकॉम कर कोलकाता से चार्टर्ड अकाउंटेंट की परीक्षा पास की थी. श्री तिवारी ने कहा कि एक साथ दोनों बेटों ने सफलता का परचम लहराया है. यह अपने आप में गर्व का विषय है.
दोनों युवाओं ने अपनी सफलता का श्रेय बाबा शिव शंकर तिवारी, दादी स्वर्गीय सोनमती देवी बड़े पापा परशुराम तिवारी बड़ी मम्मी मंजू तिवारी के साथ-साथ ऑस्ट्रेलिया में रह रहे अपने बड़े भाई कुमार अभिजीत तथा रांची में रह रहे कुमार अभिषेक (दोनों बड़े पापा के लड़के) चाचा शिवकुमार तिवारी, चाची नीलम तिवारी ने उन्हें साहस दिया तथा पूरे परिवार के अटूट विश्वास व प्रेरणा से उन्होंने इस सफलता को प्राप्त किया.
अभिनव कुमार ने कहा कि अगर एमबीए की पढ़ाई हल्के में लेने के बजाय लक्ष्य मानकर मजबूती के साथ की जानी चाहिए तभी अपने लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है. उन्होंने युवाओं को दिए अपने संदेश में कहा कि धैर्य व लक्ष्य निर्धारित कर पढ़ाई करने वालों की कभी हार नहीं हो सकती. जरूरत है मेहनत व लगन के साथ पढ़ाई करने की. सीए की परीक्षा में सफलता हासिल करने वाले कुमार अभिज्ञान कहते हैं कि इंटरमीडिएट के समय से ही छात्र-छात्राओं को अपने लक्ष्य को निर्धारित करते हुए उस दिशा में तैयारी करने में लग जाना चाहिए, सफलता अवश्य मिलेगी उधर, अपने बेटों की सफलता पर नंद कुमार तिवारी ने कहा कि एक पिता के लिए उसके बेटों की सफलता से बढ़कर और कोई सुख नहीं होता. उन्होंने कहा कि भाई करने वाले सभी बच्चे संकल्पित होकर तैयारी करें ताकि अपने माता-पिता के सपनों को साकार कर उनके जीवन में खुशियां भर दे.
0 Comments