मनमाने ढंग से आवंटित व सरकारी जमीन पर अनाधिकृत रूप से बनी दुकानें होंगी ध्वस्त ..

इसके अतिरिक्त जो दुकानें अनाधिकृत रूप से बनाई गई हैं उनके खिलाफ कार्रवाई करने का निर्णय लिया गया. बैठक के दौरान यह भी कहा गया कि जिन दुकानदारों द्वारा दुकानें ऊपरी तल पर बनाई गई है उनके विरुद्ध अनुमंडल पदाधिकारी नियमानुकूल कारवाई करेंगे.






- डीएम के निर्देश पर की गई बैठक में लिया गया निर्णय
- आवंटन पत्र दिखाने के लिए किया जाएगा एक माह का समय

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : नगर में अनाधिकृत रूप से सरकारी जमीन पर बनाई गई दुकानों को जल्द ही ध्वस्त किया जा सकता है. इनमें ऐसी भी दुकानें शामिल होंगी जिन्हें नगर परिषद के द्वारा अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर आवंटित किया गया है. कई दुकानदार ऐसे भी हैं जिन्हें आवंटन पत्र दिखाने के लिए भी कहा गया था लेकिन उन्होंने आवंटन पत्र नहीं दिखाया. ऐसे में अब उनकी भी दुकान को अवैध माना जाएगा और उनके विरुद्ध भी कार्रवाई होगी. यह सब बातें जिला पदाधिकारी अमन समीर के निर्देश पर उप विकास आयुक्त डॉ योगेश कुमार सागर के द्वारा अपर समाहर्ता प्रीतेश्वर प्रसाद, अनुमंडल पदाधिकारी धीरेंद्र कुमार मिश्र, भूमि सुधार उप समाहर्ता, नगर परिषद कार्यपालक पदाधिकारी प्रेम स्वरूपम, सदर अंचलाधिकारी प्रियंका राय के साथ की गई एक बैठक में कहीं गई.




बैठक के दौरान नप कार्यपालक पदाधिकारी को उन दुकानों दुकानों की सूची उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया जो उनके द्वारा आवंटित की गई हैं इसके अतिरिक्त जो दुकानें अनाधिकृत रूप से बनाई गई हैं उनके खिलाफ कार्रवाई करने का निर्णय लिया गया. बैठक के दौरान यह भी कहा गया कि जिन दुकानदारों द्वारा दुकानें ऊपरी तल पर बनाई गई है उनके विरुद्ध अनुमंडल पदाधिकारी नियमानुकूल कारवाई करेंगे.

नप कैसे आवंटित हुई दुकानें, होगी जांच :

बैठक में बताया गया कि टाउन थाना से रामरेखा घाट तक बाएं तरफ की दुकानें अनावाद बिहार सरकार की जमीन पर अवस्थित है जिनको प्राधिकृत करने का अधिकार नगर परिषद बक्सर को नहीं है इसके संबंध में गहन जांच करने का निर्णय लिया गया.

आवंटन पत्र दिखाने के लिए दिया जाएगा एक माह का समय : 

कई दुकानदार ऐसे हैं जो अपने दुकान का आवंटन पत्र अभी तक नहीं दिखा पाए हैं उन्हें एक माह की अवधि, अपने आवंटन पत्र समर्पित करने अथवा दिखाने का अंतिम रूप से देने का निर्णय लिया गया. यदि इस अवधि में दुकानदार अपने आवंटन पत्र को नहीं दिखाते या समर्पित करते हैं तो उन दुकानों को अनाधिकृत माना जाएगा.




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