जिला खनन पदाधिकारी ने भले ही यह बयान दिया हो कि उनके पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में ही सभी ट्रक भाग निकले लेकिन, सच्चाई यह नहीं है. निश्चय ही उन्हें यहां होने वाले खेल की जानकारी नहीं है या फिर माजरा कुछ और है.
राजपुर के भलुआ खनन चेक पोस्ट को पार करते ट्रक (सुबह 8:09 बजे) |
- कई थानों और चेक पोस्ट के अवैध कमाई का जरिया बना लाल बालू
- खनन पदाधिकारी के पहुंचने से पहले ही वाहन लेकर भाग खड़े हुए ट्रक चालक
बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : जिले में लाल बालू से काली कमाई कर अधिसंख्य लोग जो लाल हो रहे हैं पुलिसिया मिलीभगत से चल रहा है. इस खेल का खुलासा राजपुरा चौसा के स्थानीय ग्रामीणों ने किया है. उन्होंने सोमवार को ही दिन के उजाले में चल रहे बालू के अवैध परिवहन का वीडियो बनाकर जिले के वरीय पदाधिकारियों के पास भेजा. जिसके बाद खनन पदाधिकारी पारसनाथ चौधरी स्वयं इस मामले की तस्दीक करने पहुंचे लेकिन, कोचस-बक्सर मुख्य मार्ग पर राजपुर के भलुहा के पास बने खनन चेक पोस्ट के पुलिसकर्मियों व पदाधिकारियों ने बताया कि ओवरलोडेड ट्रक भाग निकले. ऐसे में एक भी ओवरलोड ट्रक नहीं पकड़ा गया. खनन पदाधिकारी का कहना है कि ट्रक भागने के लिए जिम्मेदार लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की जाएगी. बहरहाल यह माना जा रहा है कि इस पूरे मामले की लीपापोती का प्रयास किया जा रहा है ताकि अवैध कमाई का यह रास्ता बना रहे.
चौसा के समीप सड़क से गुजरता ओवरलोड बालू लदा ट्रक |
स्थानीय निवासियों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक बिक्रमगंज के नासरीगंज से बालू के ट्रक लोड होते हैं वहां से सोन नदी का बालू लेकर निकलते हैं जहां 18 हज़ार रुपये से 20 हज़ार रुपये में उनके ट्रक को बालू से ओवरलोड कर दिया जाता है. चालक ट्रक लेकर राजपुर के तमाम चेक पोस्ट पर करते हुए चौसा के मुफस्सिल थाने के सामने से होते हुए उत्तर प्रदेश में जाते हैं, जहां गाजीपुर जिले में एक ट्रक बालू की कीमत 50 से 60 हज़ार रुपये मिलती है. बताया जाता है कि ट्रक अगर मऊ तक पहुंचा दिया जाए तो इस बालू की कीमत 70 से 80 हज़ार और गोरखपुर पहुंचाने पर 1 लाख 20 हज़ार रुपये से 1 लाख 25 हज़ार रुपये तक हो जाती है.
चेक पोस्ट ओवरलोड बालू लदे ट्रकों के बीच मौजूद सैप के जवान (सुबह 8:10 बजे) |
हर पोस्ट पर वसूली का खेल जारी :
ग्रामीण सूत्रों का कहना है कि जिला खनन पदाधिकारी ने भले ही यह बयान दिया हो कि उनके पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में ही सभी ट्रक भाग निकले लेकिन, सच्चाई यह नहीं है. निश्चय ही उन्हें यहां होने वाले खेल की जानकारी नहीं है या फिर माजरा कुछ और है. स्थानीय सूत्रों के मुताबिक बालू का यह खेल अनवरत जारी रहे. इसके लिए सभी थानों के द्वारा जमकर वसूली होती, जिसमें राजपुर थाने के नाम पर न्यूनतम 500 रुपये, खनन चेकपोस्ट पर न्यूनतम 300 रुपये और मुफस्सिल थाने के समीप पासिंग एजेंट के द्वारा 200 रुपये की वसूली होती है. कर्मनाशा नदी का पुल पार करने के बाद उत्तर प्रदेश में बने पुलिस चेक पोस्ट पर 500 रुपये की वसूली के बाद अलग-अलग स्थानों को अलग-अलग चढ़ावा देना होता है.
पदाधिकारियों की जांच भी सवालों के घेरे में :
बताया जाता है कि ओवरलोड ट्रकों की जांच करने के लिए कभी-कभार पदाधिकारी भी निकलते हैं. वैसे तो यह जांच औचक कही जाती है लेकिन, आश्चर्यजनक रूप से इसकी जानकारी सभी को होती है. ऐसे में जहां प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में ट्रक इस पार से उस पार जाते रहते हैं, पदाधिकारियों के हाथ केवल एक या दो ट्रक लगते हैं, जिनसे जुर्माना वसूली कर कोरम पूरा कर लिया जाता है.
कहते हैं खनन पदाधिकारी :
खनन चेकपोस्ट पर कई ओवरलोडेड ट्रक को रोका गया था लेकिन, कुछ लोग वहां पहुंचे और हल्ला हंगामा कर ट्रकों को भगा दिया. ऐसे लोगों के पहचान की जा रही है उनके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की जाएगी.
पारसनाथ चौधरी,
प्रभारी जिला खनन पदाधिकारी
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