बताया कि बेटी ने पहले ही कहा था कि यहां हालात ठीक नहीं है लेकिन, प्रशासन तथा दूतावास से उन्हें देश छोड़ने के लिए कोई विशेष निर्देश नहीं मिला था. बेटी ने भी कहा था कि उम्मीद है कि सब कुछ ठीक हो जाएगा लेकिन तब तक युद्ध शुरू हो गया हालांकि, बाद में उसने 27 फरवरी को वतन वापसी की योजना बनाई लेकिन उसे फ्लाइट नहीं मिल रही थी.
अपनी दोनों पुत्रियों के साथ कमलेश कुमार सिंह, इनसेट में सुप्रिया की तस्वीर |
- जिले के इटाढ़ी प्रखण्ड के हैं दोनों विद्यार्थी
- दूतावास के द्वारा दिए गए हैं कई दिशा-निर्देश
बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : यूक्रेन में हालात अब सामान्य नहीं हैं. रूसी टैंकों के द्वारा जहां यूक्रेन के शहरों में घुसकर दहशत फैलाई जा रही है वहीं, लड़ाकू विमान बमों की वर्षा भी कर रहे हैं. पूरा देश अब रणक्षेत्र में तब्दील हो गया है. ऐसे में भारतीय छात्र जो यूक्रेन में पढ़ाई करने के लिए गए हुए थे वह भी फंस गए हैं. उन छात्रों को यह नहीं पता है कि भविष्य में क्या होने वाला है लेकिन, सरकारी दिशा निर्देशों के आलोक में फिलहाल वह सुरक्षित आश्रय में बने हुए हैं. बक्सर के दो छात्रों के यूक्रेन में फंसे होने की बात सामने आ रही है. दोनों इटाढ़ी प्रखंड के बताए जा रहे हैं. भरचकिया गांव निवासी एक छात्रा यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही है वही उन वास गांव के भी एक युवक के युग में फंसे होने की बात सामने आ रही है लेकिन उनवास के युवक के बारे में विशेष जानकारी नहीं मिल सकी है.
इटाढ़ी प्रखंड के भरकिया निवासी कमलेश कुमार सिंह की पुत्री सुप्रिया वर्ष 2017 अक्टूबर माह में एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए यूक्रेन गई थी. वह यूक्रेन के चेरनिवेट्सी शहर के बुकोविनियां स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी 5 साल 6 महीने का कोर्स करने के लिए गई थी, जिसमें से उन्होंने 10 सेमेस्टर की पढ़ाई कर भी ली है.
बेटी ने कहा था नहीं ठीक है हालात :
कमलेश कुमार सिंह ने बताया कि बेटी ने पहले ही कहा था कि यहां हालात ठीक नहीं है लेकिन, प्रशासन तथा दूतावास से उन्हें देश छोड़ने के लिए कोई विशेष निर्देश नहीं मिला था. बेटी ने भी कहा था कि उम्मीद है कि सब कुछ ठीक हो जाएगा लेकिन तब तक युद्ध शुरू हो गया हालांकि, बाद में उसने 27 फरवरी को वतन वापसी की योजना बनाई लेकिन उसे फ्लाइट नहीं मिल रही थी. बिगड़े हालातों में चिंता तो बढ़ी है लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा रशियन राष्ट्रपति पुतिन से बात किए जाने पर यह उम्मीद है कि भारतीय छात्रों को वहां से निकालने की कोई रणनीति बनेगी.
उड़ा दिया गया इंटरनेशनल एयरपोर्ट :
कमलेश कुमार सिंह ने बताया कि उनकी पुत्री के साथ पूर्णिया का एक लड़का भी था जिसकी फ्लाइट गुरुवार को ही देश की राजधानी कीव के इंटरनेशनल एयरपोर्ट से थी लेकिन, उसके एयरपोर्ट पर पहुंचने से पांच मिनट पूर्व ही रूसी मिसाइलों ने हमला किया और इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर अफरा-तफरी का माहौल कायम हो गया. बातचीत करने के लिए केवल इंटरनेट कॉल ही एक सहारा है.
प्रगतिशील किसान अवार्ड से सम्मानित हो चुके हैं कमलेश कुमार सिंह :
सुप्रिया के पिता कमलेश कुमार सिंह ने बताया कि सुप्रिया की माता का निधन कैंसर की वजह से वर्ष 2015 में हो गया था. उनकी टीम संतानों में सुप्रिया दूसरे नंबर पर है उनके प्रथम पुत्र प्रतीक पोस्ट हैदराबाद में इंजीनियर के तौर पर कार्यरत हैं जबकि सबसे छोटी संतान स्वाति कुमारी अंबाला में बीटेक की पढ़ाई कर रही हैं. कमलेश कुमार सिंह ने कहा कि बच्चों की पढ़ाई-लिखाई में उन्होंने कभी कोई कमी नहीं होने दी. वह स्वयं भी स्नातकोत्तर की पढ़ाई कर चुके हैं तथा उन्हें केंद्र तथा राज्य सरकार के द्वारा प्रगतिशील किसान अवार्ड से सम्मानित भी किया जा चुका है.
बंकरों में छिपने के बताए गए हैं तरीके :
बताया जा रहा है कि यूक्रेन में बिगड़ते हालातों के बीच कुछ दिन पूर्व ही वहां रह रहे छात्रों को हॉस्टलों में बने बंकरों में छिपने की बात बता दी गई थी और कहा गया था कि यदि हालात बिगड़ते हैं तो उस सुरक्षित स्थान पर छिप जाए और अपने सारे दस्तावेज अपने साथ रखें ताकि , उनकी पहचान आसानी से हो सके इसके अतिरिक्त उन्हें एटीएम से पैसे निकालने के लिए भी कहा गया था तथा 10-15 दिनों का राशन सुरक्षित रखने की बात भी कही गई थी. वहीं, भारतीय दूतावास के द्वारा छात्रों को यह बताया गया है कि यदि वह सुरक्षित स्थानों पर नहीं हो तो गूगल मैप्स की सहायता से आसपास के बंकरों का पता लगाकर रूप में छुप सकते हैं.
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