पूर्व डीइओ अमर भूषण पर दो हज़ार का जुर्माना, अधिकारी ने बताया माफियाओं की साजिश ..

उन्होंने इस बात को अपने साथ हुई साजिश बताया है. उन्होंने बताया कि अपने पदस्थापन के बाद से वह लगातार शिक्षा विभाग के माफियाओं के विरुद्ध कार्य करते रहें. ऐसे में कई बार कई पत्र उनके यहां पहुंचने से पूर्व ही गायब कर दिए जाते थे.





- लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी ने की कार्रवाई
- तत्कालीन जिला शिक्षा पदाधिकारी ने बताया शिक्षा माफियाओं की साजिश


बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : लापता व्यक्ति के नाम पर फर्जी शिक्षक बनकर 20 लाख रुपये लिए जाने के एक मामले की सुनवाई के दौरान लापरवाही बरतने के आरोप में जिले से स्थानांतरित जिला शिक्षा पदाधिकारी अमर भूषण पर अपर समाहर्ता सह जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी ने दो हज़ार रुपये का अर्थदंड लगाया है. उक्त राशि को चालान के माध्यम से संबंधित शीर्ष में अविलंब जमा करने का निर्देश जारी किया है. 



कार्रवाई पुराना भोजपुर निवासी परिवादी विश्वामित्र सिंह के दायर परिवाद के मामले को लेकर की गई है. आदेश में बताया गया है कि उक्त परिवादी द्वारा 14 सितंबर को परिवाद दायर लोक प्राधिकार जिला शिक्षा पदाधिकारी के समक्ष की गई थी. जिसकी सुनवाई के लिए पांच तिथियां निर्धारित की गई लेकिन, पांच तिथियों में भी परिवादी के दायर परिवाद की न तो सुनवाई की गई और न ही प्रतिवेदन समर्पित किया गया. जो खेदजनक है एवं लोक प्राधिकार जिला शिक्षा पदाधिकारी की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह खड़ा किया है. वहीं, मामले में तत्कालीन जिला शिक्षा पदाधिकारी अमर भूषण से बात करने पर उन्होंने इस बात को अपने साथ हुई साजिश बताया है. उन्होंने बताया कि अपने पदस्थापन के बाद से वह लगातार शिक्षा विभाग के माफियाओं के विरुद्ध कार्य करते रहें. ऐसे में कई बार कई पत्र उनके यहां पहुंचने से पूर्व ही गायब कर दिए जाते थे. ऐसी ही साजिश के तहत ही उन पर इस तरह का इल्जाम भी लग रहा है.

इसके पूर्व परिवादी विश्वामित्र सिंह ने लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के समक्ष अपना परिवाद पत्र देते हुए यह कहा था कि कुल पांच सुनवाई के बाद भी लापता व्यक्ति के नाम पर शिक्षक बनकार बीस लाख के लगभग वेतन राशि लेने के मामले में जिला शिक्षा पदाधिकारी के द्वारा तथ्यात्मक एवं स्पष्ट प्रतिवेदन समर्पित करने एवं अभिरूचि नहीं दिखाई गई.





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