पुरानी पेंशन के लिए आंदोलित हुए सरकारी कर्मी ..

सोमवार से बिहार सरकार ने कोविड रोकथाम नियमों में ढील दे दी है इसलिए अब प्रत्येक विभाग में बैठक करके सभी लोगों को जोड़ने हुए अगले 15 फरवरी तक प्रयेक प्रखण्ड में प्रखण्ड-अध्यक्ष बना दिया जाएगा. प्रदेश उपमहासचिव डॉ०अविनाशी सद्गुरु ने कहा कि उन्होंने आगे कहा कि आगामी चुनावों में जो हमारी सुनेंगे, हम उन्हीं को चुनेंगे.




- वर्चुअल बैठक में जोर शोर से उठाई गई मांग
- संगठन को मजबूत करने के लिए भी आगे आने की अपील

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : पुरानी पेंशन की बहाली हेतु आंदोलनरत नेशनल मूवमेंट फ़ॉर ओल्ड पेंशन स्कीम (एनएमओपीएस) की बिहार इकाई द्वारा रविवार को प्रदेश अध्यक्ष वरुण पाण्डेय की अध्यक्षता में संगठन विस्तार हेतु गूगल मीट के जरिये वर्चुअल बैठक आयोजित की गई. बैठक का संचालन करते हुए वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनिरुद्ध प्रसाद ने पटना, मगध, कोसी एवं मुंगेर प्रमण्ड के अधिकांश जिलों में पदाधिकारियों की घोषणा की, जिसका सभी ने स्वागत किया. 
बैठक में सर्वसम्मति से बक्सर जिले के लिये जिलाध्यक्ष, एमपी कॉलेज के प्राध्यापक डॉ० प्रो० भरत कुमार, चौबे एवं ब्रह्मपुर प्रखंड सांख्यिकी पदाधिकारी अक्षय कुमार दूबे को सर्वसम्मति से उपाध्यक्ष बनाया गया. इनके अतिरिक्त संजीव कुमार एवं अन्य सक्रिय साथियों को जिला टीम में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देने का निर्णय लिया गया.



प्रदेश उपाध्यक्ष संजीव तिवारी ने घोषणा करते हुए नवनियुक्त पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि बिहार के अन्य जिलों की तरह शीघ्र संतुलित व सशक्त कार्यकारिणी का गठन कर प्रदेश कार्यकारिणी को इस माह के अंत तक सूचित किया जाए. उन्होंने कहा कि पेंशन के बिना बुढ़ापा रीढ़विहीन शरीर के समान होगा. इसलिए हम युवा कर्मचारियों को अभी जग जाना होगा. हम सभी कर्मचारी संकल्पित हो जाएं तो "उन्हीं की बनेगी सरकार जो सुनेंगे हमारी पुकार.." 

अध्यक्षीय सम्बोधन में वरुण पाण्डेय ने बताया कि यह लड़ाई हर परिवार की लड़ाई है. आज नहीं तक कल सभी को एहसास हो जाएगा कि एक कर्मचारी के बुढ़ापे में पेंशन की क्या अहमियत है. पुरानी पेंशन की माँग आज राष्ट्रीय मुद्दा बना हुआ है और बिहार के लोगों का इतिहास रहा है कि हर आंदोलन में बहादुरी के साथ बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते हैं..उन्होंने आगे कहा कि जिस प्रकार  बिहार के सभी जिलों के लगभग सभी विभागों से एनएमओपीएस को समर्थन तथा सहयोग मिल रहा है, उससे साफ जाहिर होता है  कि पुरानी पेंशन की लड़ाई 2022 में पूरे बिहार में विकराल रूप धारण कर लेगी. पुरानी पेंशन हम खैरात में नहीं मांगा रहे हैं, यह हमारा मौलिक अधिकार है और इसे लेकर रहेंगे. 

सचेतक प्रदीप प्रसाद ने सभी को सचेत करते हुए कहा कि हमें चौकन्ना रहकर संगठन को सभी प्रखण्डों में खड़ा करना होगा वरना सत्ताधारी लोग बहुत शातिर होते हैं, वो हमारे आंदोलन को भटकाने की हरसंभव कोशिश करेंगे.

सारण (छपरा) के जिला अध्यक्ष डॉ. दिनेश पाल ने बताया कि सारण के जिला कार्यकारिणी की घोषणा 31 जनवरी, 2022 को कर दी गई है. सोमवार से बिहार सरकार ने कोविड रोकथाम नियमों में ढील दे दी है इसलिए अब प्रत्येक विभाग में बैठक करके सभी लोगों को जोड़ने हुए अगले 15 फरवरी तक प्रयेक प्रखण्ड में प्रखण्ड-अध्यक्ष बना दिया जाएगा. प्रदेश उपमहासचिव डॉ०अविनाशी सद्गुरु ने कहा कि उन्होंने आगे कहा कि आगामी चुनावों में जो हमारी सुनेंगे, हम उन्हीं को चुनेंगे.

बैठक में प्रदेश संगठन सचिव दिलीप कुमार एवं ख्वाजा अतीक-उर-रहमान, प्रदेश मुख्य प्रवक्ता संतोष कुमार, प्रदेश मुख्य सलाहकार, शंकर सिंह, मुजफरपुर जिला अध्यक्ष डॉ० विजेंद्र झा, अररिया जिला सचिव मोहम्मद रिजवान उल्ला पूर्णिया जिला अध्यक्ष मनोज मिश्रा, प्रशान्त सिंह, रवि रंजन पासवान, भोले शंकर, अध्यक्ष, बिहार पुलिस मेंस एसोसिएशन, गया शाखा, प्रोफेसर सोनल, प्रो० दीपक कुमार आदि ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए संगठन के विस्तार में हर संभव सहयोग करने की बात कही. बिहार से लगभग सात दर्जन एनएमओपीएस पदाधिकारी वर्चुअल बैठक में जुड़े रहे.





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