पैसे के लोभ में कब्र पर घर बनाने की तैयारी में भूमाफिया, मामले में एसडीएम ने किया हस्तक्षेप ..

कहना है कि वर्ष 1958 में डुमरांव महाराज के द्वारा राम सेवक राम नामक एक व्यक्ति को दान में दी गई थी. जबकि, जिस लगान रसीद के आधार पर किया दावा किया जा रहा है उस रसीद को देखने से यह स्पष्ट हो जाता है कि उसमें काफी छेड़छाड़ की गई है. वही, 1958 की इस रसीद पर कम्प्यूटराइज मुहर लगाई गई है. 





- विशेष जाति के कब्रिस्तान पर भू-माफियाओं की नजर
- अनुमंडल पदाधिकारी ने कहा मामले की होगी जांच दोषी पाए जाने पर कार्रवाई


बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : पूरे जिले में खासकर जिला मुख्यालय में भू माफियाओं के सक्रियता आए दिन देखने को मिलती है भू माफिया जिंदा लोगों के साथ-साथ अब मुर्दों को भी चैन से नहीं रहने देना चाह रहे हैं ऐसे लोग कब्रिस्तान की जमीन बेचने पर आमदा है मामला जिला मुख्यालय के समाहरणालय रोड का है जहां भूमाफिया एक भरे बड़े भूभाग पर कब्जा कर उसे बेचने की फिराक में है मामला सामने आने के बाद अनुमंडल पदाधिकारी ने तुरंत ही इसकी जांच के निर्देश दिए हैं और कहा है कि यदि जमीन कब्रिस्तान की हुई और इसे बेचने का प्रयास किए जाने की बात सामने आई तो संबंधित व्यक्ति पर कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.



दरअसल, समाहरणालय के समीप एक विशेष जाति के कब्रिस्तान पर इन दिनों की भू-माफियायों की नजर पड़ी हुई है. स्थानीय लोगों के मुताबिक भूमाफिया दल बल के साथ यहां मंडराते देखे जा रहे हैं.

डुमरांव महाराज से दान में प्राप्त जमीन होने का कर रहे दावा:

जबकि जिला समाहरणालय के पास आदर्श नगर वार्ड संख्या 11 की यह जमीन एक जाति विशेष की मुर्दाघाट (कब्रिस्तान) के लिए चिन्हित है. इधर कुछ दिनों से कुछ भू-माफिया इस जमीन के डुमराव राज परिवार के द्वारा दान में दिए जाने की बात कह रहे हैं उनका कहना है कि वर्ष 1958 में डुमरांव महाराज के द्वारा राम सेवक राम नामक एक व्यक्ति को दान में दी गई थी. जबकि, जिस लगान रसीद के आधार पर किया दावा किया जा रहा है उस रसीद को देखने से यह स्पष्ट हो जाता है कि उसमें काफी छेड़छाड़ की गई है. वही, 1958 की इस रसीद पर कम्प्यूटराइज मुहर लगाई गई है. 

स्थानीय लोगों ने अंचलाधिकारी से लेकर जिलाधिकारी तक लगाई गुहार :

जमीन पर अवैध कब्जा किए जाने को लेकर स्थानीय लोगों ने अंचलाधिकारी से लेकर जिलाधिकारी तक गुहार लगाई है. उनका कहना है कि कुछ भू माफिया प्रत्येक रविवार को जमीन कब्जा करने पहुंच रहे है. जबकि लोग यहां रह रहे हैं उनकी जमीन की चौहद्दी में मुर्दघटिया (कब्रिस्तान) लिखा हुआ है जो पंजी-2 पर भी अंकित है.





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