पढ़ाई के डर से भागा किशोर, रचा खुद के अपहरण का नाटक, पटना से बरामद ..

तीन-चार दिन तक उन्होंने अपने पुत्र की तलाश की लेकिन उनका पुत्र नहीं मिला बाद में उनके मोबाइल फोन पर 10 हज़ार रुपये फिरौती देने की बात कही गई और कहा गया कि यदि वह पैसे नहीं देते हैं तो उनके पुत्र की हत्या कर दी जाएगी.




- मुसाफिर गंज के मदरसे से भाग निकला था किशोर 
- अपने दोस्त के मोबाइल फोन से मांगी थी 10 हज़ार रुपये की फिरौती

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : मुसाफिर गंज स्थित मदरसे से कथित तौर पर अगवा हुए किशोर को एसपी नीरज कुमार सिंह के निर्देश पर गठित नगर थानाध्यक्ष दिनेश कुमार मालाकार तथा उनकी टीम ने सकुशल बरामद कर लिया है. पुलिस ने मामले का खुलासा करते हुए यह बताया है कि यह पूरा मामला नाटकीय था जिसे किशोर द्वारा अपने माता-पिता से नाराज होने के बाद अपने दोस्त के साथ मिलकर रचा गया था. किशोर को पटना से बरामद करते हुए उसके परिजनों के हवाले कर दिया गया है

थानाध्यक्ष ने बताया कि पटना निवासी मो फकरुद्दीन नामक ज्योति नगर थाने में पिछले 17 फरवरी को एक प्राथमिकी दर्ज कराई थी जिसमें उन्होंने कहा था कि उनका 15 वर्षीय पुत्र मुसाफिर गंज स्थित मदरसे में पढ़ता है. 26 जनवरी को उनका पुत्र मदरसे से अपने घर पटना गया था जहां से वह 8 फरवरी को बक्सर स्थित मदरसे में पुनः वापस आया लेकिन यहां ना आकर वह पांडेय पट्टी स्थित अपने ननिहाल चला गया बाद में जब मोहम्मद फखरुद्दीन ने मदरसे में फोन किया तो यह ज्ञात हुआ कि उनका पुत्र वहां पहुंचा ही नहीं है. जिसके बाद वह बक्सर पहुंचे तथा 11 फरवरी को उन्होंने पुत्र को ननिहाल से डांट-डपट कर पुनः मदरसे में लाकर छोड़ दिया लेकिन, वहां से वह अगले ही दिन गायब हो गया. 

तीन-चार दिन तक उन्होंने अपने पुत्र की तलाश की लेकिन उनका पुत्र नहीं मिला बाद में उनके मोबाइल फोन पर 10 हज़ार रुपये फिरौती देने की बात कही गई और कहा गया कि यदि वह पैसे नहीं देते हैं तो उनके पुत्र की हत्या कर दी जाएगी. ऐसे में उन्होंने तुरंत ही नगर थाने में इस मामले की प्राथमिकी दर्ज कराई, जिसके बादएसपी नीरज कुमार सिंह के निर्देश पर पुलिस ने वैज्ञानिक तरीके से अनुसंधान में जुट गई. जिस फोन से फिरौती की मांग की गई थी वह फोन नंबर स्विच ऑफ बता रहा था. लेकिन पुलिस लगातार प्रयास करती रही और अंततः किशोर को पटना से बरामद कर लिया गया.

पिता की डांट से नाराज होकर भाग गया था किशोर, बेच रहा था चूहे मारने की दवा :

रजक ने बताया कि किशोर ने यह स्वीकार किया है कि वह अपने पिता की डांट से नाराज होकर भाग निकला था. आरा में उसने अपने दोस्त के फोन से पिता को फिरौती देने की बात कही लेकिन, फिर वह डर गया और उसने फोन स्विच ऑफ कर दिया बाद में वह आरा में ही चूहे मारने की दवा बेचने लगा. कुछ दिनों के बाद वह पटना चला गया लेकिन तब तक पुलिस ने उसका पता लगा लिया.








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