ऐसा लग रहा था कि छात्र जीवन से भाजपा से जुड़े मनोज राय ही मुहम्मदाबाद से भाजपा के उम्मीदवार होंगे लेकिन, ऐसा हुआ नहीं और अब उनकी हालत ठीक उसी तरह हो गई है जैसा कि एक शायर ने कहा था कि, "न ख़ुदा ही मिला न विसाल-ए-सनम, न इधर के हुए न उधर के हुए .. रहे दिल में हमारे ये रंज-ओ-अलम न इधर के हुए न उधर के हुए."
- उत्तर प्रदेश विधानसभा का चुनाव लड़ने के लिए छोड़ दी थी नौकरी
- नहीं मिला टिकट तो भी खुशी-खुशी स्वीकारा पार्टी का निर्णय
बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : बक्सर के सदर प्रखंड विकास पदाधिकारी रहे मनोज राय के साथ तो गजब हो गया. बिहार में प्रशासनिक पदाधिकारी की नौकरी छोड़कर अपने गृह राज्य उत्तर प्रदेश के चुनाव में भाग्य आजमाने पहुंचे मनोज राय को उनकी इच्छा के अनुरूप भाजपा से टिकट नहीं मिला. वैसे तो उनकी दावेदारी काफी मजबूत थी तथा जम्मू कश्मीर के राज्यपाल मनोज सिन्हा समेत पार्टी के कई अन्य बड़े नेताओं से उनके अच्छे संबंधों को देखकर ऐसा लग रहा था कि छात्र जीवन से भाजपा से जुड़े मनोज राय ही मुहम्मदाबाद से भाजपा के उम्मीदवार होंगे लेकिन, ऐसा हुआ नहीं और अब उनकी हालत ठीक उसी तरह हो गई है जैसा कि एक शायर ने कहा था कि, "न ख़ुदा ही मिला न विसाल-ए-सनम, न इधर के हुए न उधर के हुए .. रहे दिल में हमारे ये रंज-ओ-अलम न इधर के हुए न उधर के हुए." बावजूद इसके उन्होंने पार्टी का निर्णय स्वीकार किया और अब पूरी ताकत के साथ मुहम्मदाबाद विधानसभा क्षेत्र के विधायक रह चुकी वर्तमान भाजपा उम्मीदवार अलका राय का चुनाव प्रचार भी शुरू कर दिया है.
मनोज राय का कहना है कि भले ही वह टिकट के दावेदार रहे हो लेकिन पार्टी का यह निर्णय उन्हें सहर्ष स्वीकार है. उन्होंने कहा कि इस बार भाजपा की लड़ाई सपा या बसपा से नहीं है. यह लड़ाई अवसरवादियों से है. ऐसे में पार्टी के किसी भी व्यक्ति से जरा सी भी चूक हुई तो प्रदेश में शुरु हुआ विकास अवरुद्ध हो जाएगा. साथ ही कानून व्यवस्था भी रसातल में चली जाएगी. ऐसे में जनता हमें माफ नहीं करेगी. इसके लिए जरूरी है कि आपसी मतभेद और मनभेद भुलाकर पार्टी की जीत सुनिश्चित की जाए.
उन्होंने कहा कि यदि किसी पार्टी कार्यकर्ता को अपने विधायक से कोई शिकवा-शिकायत है तो चुनाव के बाद उसे संग बैठकर निपट लेंगे लेकिन, उसके पहले अवसरवादियों से मजबूती से लड़ाई लड़नी होगी. अपने बारे में पूछे जाने पर मनोज राय ने कहा कि वह क्षेत्र में रहकर अगले पांच साल तक संघर्ष करेंगे. जनता के बीच जाएंगे तथा फिर अगले विधानसभा चुनाव में टिकट के लिए दावेदारी करेंगे.
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