ज्ञान की देवी की आराधना के साथ वसंतोत्सव की हुई शुरुआत ..

शांति समिति की बैठक में प्रशासन के द्वारा यह स्पष्ट कर दिया गया है कि पूजा समिति के पाँच से ज्यादा सदस्य एक साथ इकट्ठा नहीं हो सकते हैं तथा डीजे आदि बजाने पर पूर्णत: प्रतिबंध है. विसर्जन के दौरान भी जुलूस नहीं निकालना है.








- प्रशासनिक नियमों को ध्यान में रखकर शालीनता से हो रही है पूजा
- डीजे बजाने तथा भी लगाने पर लगाया गया है प्रतिबंध

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : ज्ञान की देवी माता सरस्वती की पूजा जिले में विधि विधान से की गई नगर के विभिन्न पूजा पंडालों पर माता की प्रतिमा स्थापित की गई थी हालांकि प्रशासनिक गाइडलाइन के मुताबिक पूजा समिति के सदस्यों के द्वारा बेहद शालीनता से तथा संक्रमण रोधी नियमों का अनुपालन करते हुए पूजा की गई. 



कई पूजा समिति के सदस्यों ने बताया कि प्रशासनिक निर्देश दिया है कि अगले ही दिन प्रतिमा का विसर्जन किया जाए लेकिन धार्मिक मान्यताओं को ध्यान में रखते हुए ऐसा संभव नहीं दिख रहा. इसके पूर्व शांति समिति की बैठक में प्रशासन के द्वारा यह स्पष्ट कर दिया गया है कि पूजा समिति के पाँच से ज्यादा सदस्य एक साथ इकट्ठा नहीं हो सकते हैं तथा डीजे आदि बजाने पर पूर्णत: प्रतिबंध है. विसर्जन के दौरान भी जुलूस नहीं निकालना है.



आज से हो गई वसंतोत्सव की शुरुआत :

आचार्य सर्वेश चतुर्वेदी ने बताया कि बसंत पंचमी हर साल माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है. शास्त्र के अनुसार इस दिन मां सरस्वती की सच्चे मन से पूजा आराधना करने से माता जीवन की सभी विघ्नों को शीघ्र ही दूर कर देती है. पंचांग के अनुसार बसंत पंचमी के दिन से ही वसंतोत्सव की शुरुआत हो जाती है.


इटाढ़ी में बना है संसद भवन, ज्योति प्रकाश चौक के समीप कुटिया में विराजमान है माता :

इटाढ़ी प्रखंड के कुकड़ा में संसद भवन के रूप में पंडाल को बनाया गया है वहीं, जिला मुख्यालय के ज्योति प्रकाश चौक के समीप कुटिया में माता की प्रतिमा को स्थापित किया गया है. बच्चों के द्वारा किए गए इस प्रयास की काफी सराहना की जा रही है.








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