स्थापना दिवस पर बोले डीएम, बक्सर के विकास के लिए मिलकर करें प्रयास ..

कहा कि बक्सर को वैश्विक मानचित्र पर लाने के लिए डॉक्यूमेंट्री फिल्म तथा पुस्तकों का विमोचन किया जाएगा, जिससे कि बक्सर के बारे में ज्यादा से ज्यादा लोगों को बताया जा सके. उन्होंने कहा कि हर बुद्धिजीवी यह जिम्मेदारी होनी चाहिए थी वह बक्सर के महत्व के बारे में ज्यादा से ज्यादा लोगों को बता सकें.









- नगर भवन में आयोजित हुआ कार्यक्रम, मौजूद रहे जिले भर के प्रबुद्धजन
- जिले के विकास के लिए संकल्पित होने की कही बात 

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : जिला स्थापना दिवस के मौके पर स्थानीय नगर भवन में मुख्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस दौरान जिले के अलग-अलग क्षेत्रों से जुड़े हस्तियों को सम्मानित किया गया. कार्यक्रम का उद्घाटन जिला पदाधिकारी अमन समीर, उप विकास आयुक्त डॉ योगेश कुमार सागर, एडीएम प्रीतेश्वर प्रसाद जिला परिवहन पदाधिकारी मनोज रजक, वरीय उप समाहर्ता विकास जायसवाल, उप निर्वाचन पदाधिकारी आशुतोष राय, बार एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष सूबेदार पांडेय, प्रोफेसर श्याम जी मिश्रा, पीसी कॉलेज के  सेवा निवृत्त प्राचार्य अरुण मोहन भारवि, वरिष्ठ पत्रकार अजय मिश्र, मुखदेव राय, रामएकबाल ठाकुर तथा स्वतंत्रता सेनानी तथा अन्य बुद्धिजियों ने संयुक्त रूप से दीप दीप प्रज्ज्वलन कर किया.


मौके पर जिला पदाधिकारी ने कहा कि बक्सर स्थापना दिवस के मौके पर सभी को यह संकल्प लेना होगा कि वह बक्सर के विकास में एक साथ मिलकर कार्य करेंगे उन्होंने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में परचम लहरा रहे लोग अपने ज्ञान को जिला के विकास के लिए खर्च कर विकास के भागीदार बनें. उन्होंने कहा कि बक्सर को वैश्विक मानचित्र पर लाने के लिए डॉक्यूमेंट्री फिल्म तथा पुस्तकों का विमोचन किया जाएगा, जिससे कि बक्सर के बारे में ज्यादा से ज्यादा लोगों को बताया जा सके. उन्होंने कहा कि हर बुद्धिजीवी यह जिम्मेदारी होनी चाहिए थी वह बक्सर के महत्व के बारे में ज्यादा से ज्यादा लोगों को बता सकें.

डीएम के संबोधन के पूर्व पूर्व उप विकास आयुक्त डॉ योगेश कुमार सागर ने कहा कि हर जिले वासियों के लिए यह जिम्मेदारी है कि बक्सर के विकास बक्सर की स्वच्छता तथा अन्य विषयों पर चढ़कर अपनी भागीदारी दें ताकि बक्सर देश भर में अपनी एक अलग पहचान बना सके.

सूबेदार पांडेय ने कहा कि यह वह धरती है जिसने भगवान श्रीराम की कर्मभूमि होने का गौरव प्राप्त किया है. इस धरती का जो धार्मिक महत्व है वह वैकुंठ को भी नहीं प्राप्त है. डॉ अरुण मोहन भारवि ने कहा कि बक्सर साहित्य के शिव कहे जाने वाले शिवपूजन सहाय की धरती है जिन्होंने साहित्य को नवीन ऊंचाईयां दी है. उन्होंने कहा कि भोजपुरी पत्रकातरिता तथा भोजपुरी कहानी की शुरुआत करने का गौरव बक्सर को प्राप्त है. इसके अतिरिक्त अन्य वक्ताओं ने भी अपने विचार रखे. 


नगर भवन में आयोजित कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ साहित्यकार श्री भगवान पांडेय निराश किया. इस दौरान यह बताया गया कि स्थापना दिवस कार्यक्रम के दौरान केक काटकर जिले जन्म दिवस मनाया जाएगा. इस अवसर पर अलग-अलग जगहों पर सुबह से लगायत देर शाम तक विभिन्न कार्यक्रम आयोजित होंगे. जिसमें साइकिल रैली, पौधरोपण व माल्यार्पण से लेकर रक्तदान आदि का कार्यक्रम होना है. परंतु जिले की वर्षगांठ पर पहली बार ऐसा होगा कि लोगों को रंगारंग कार्यक्रम से महरूम होना पड़ेगा. 

बता दें कि 17 मार्च 1991 को जिले की स्थापना हुई थी. प्राचीन काल से ही बिहार के प्रवेश द्वार के नाम से विख्यात यह जिला पहले भोजपुर जिला के अंतर्गत आता था. लेकिन जिलेवासियों के लगभग 11 वर्षों के लंबे संघर्ष के बाद बक्सर को पहले अनुमंडल उसके बाद जिला घोषित किया गया.

















 













Post a Comment

0 Comments