नाटक मंचन के जरिए कलाकारों ने किया समाजिक कुरीतियों पर जमकर प्रहार ..

कहा कि नाटक ऐसी विधा है, जो समाज में फैली कुरीतियों को मिटाने मे सहायक सिद्ध होता हैं. इतिहास गवाह है, कि समाज में फैली विभिन्न कुरीतियों को मिटाने के लिए नाटक का सहारा लेना पड़ा है. इससे न सिर्फ आपसी भाईचारा को बढ़ावा मिलता है, बल्कि इसका सीधा असर गांव और समाज के लोगों पर पड़ता है. 










- होली के अवसर पर चनवथ में भोजपुरी नाटक 'बेटी की विदाई' का हुआ मंचन
- डुमरांव अनुमंडल के चनवथ गांव में आयोनित था नाटक

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : डुमरांव अनुमंडल क्षेत्र के चनवथ गांव में होली के अवसर पर मंगलवार की रात दहेज प्रथा पर आधारित भोजपुरी सामाजिक नाटक 'बेटी की विदाई' का सफल मंचन हुआ. नाटक के माध्यम से पात्र कलाकारों ने सामाजिक कुरीतियों पर जमकर प्रहार किया. मनोज सिंह कुशवाहा के निर्देशन में मंचित नाटक मंच का उद्घाटन वैना पंचायत के नवनिर्वाचित मुखिया पंकज कुमार मेहता ने फीता काटकर किया. 

इस दौरान उपस्थित ग्रामीणों और पात्र कलाकारों को संबोधित करते हुए इन्होंने कहा कि नाटक ऐसी विधा है, जो समाज में फैली कुरीतियों को मिटाने मे सहायक सिद्ध होता हैं. इतिहास गवाह है, कि समाज में फैली विभिन्न कुरीतियों को मिटाने के लिए नाटक का सहारा लेना पड़ा है. इससे न सिर्फ आपसी भाईचारा को बढ़ावा मिलता है, बल्कि इसका सीधा असर गांव और समाज के लोगों पर पड़ता है. 

नाटक मंच की अध्यक्षता कामेश्वर सिंह ने की जबकि मंच का संचालन पंकज कुमार ने किया. आयोजन समिति के अमित कुमार ने बताया कि दहेज प्रथा पर आधारित इस नाटक के मंचन में प्रथम पुरस्कार धर्मेंद्र कुमार को मिला जबकि अन्य पात्र कलाकारों में राहुल खरवार, मुन्ना कुमार, चंदन कुमार और सरोज कुमार सहित कई लोगों की प्रस्तुति सराहनीय रही.

















 













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