शवदाह की प्रक्रिया में भी घंटों का समय भी लगता है. ऐसे में महामारी जैसी स्थिति मैं काफी परेशानी उठानी पड़ती है. संक्रमण काल में प्रशासन ने इस बात को बखूबी समझा है. ऐसे में विद्युत शवदाह गृह की नितांत आवश्यकता प्रतीत हो रही थी.
- शहरी आवास एवं विकास विभाग के द्वारा कराया जाना है निर्माण
- स्वीकृति के लिए डीपीआर किया समर्पित डेढ़ साल में निर्माण पूरा किए जाने का लक्ष्य
बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : दाह संस्कार की प्रक्रिया को बेहतर और सुलभ ढंग से कराने के लिए जिला प्रशासन की तरफ से मुक्तिधाम में दो विद्युत शवदाह गृह का निर्माण सात निश्चय योजना से कराया जा रहा है. शवदाह के निर्माण में 8 करोड़ 72 लाख 18 हजार 182 रुपये का व्यय किया जाएगा. प्रशासनिक स्वीकृति मिलने के बाद जल्द ही शहरी आवास एवं विकास विभाग इसका निर्माण कार्य शुरू करेगा. डेढ़ साल के अंदर इसका निर्माण पूरा कर दिए जाने का लक्ष्य है.
जानकारी देते हुए सूचना जनसंपर्क पदाधिकारी विनोद कुमार ने बताया कि नगर क्षेत्र अंतर्गत विद्युत शवदाह गृह निर्माण योजना का प्राक्कलन वुडको द्वारा समर्पित करते हुए प्रशासनिक स्वीकृति आवंटन देने का अनुरोध किया गया है. साथ ही आवश्यक डिजाइन भी समर्पित किया गया है.
लावारिस लाशों के अंतिम संस्कार में होगी सहूलियत :
विद्युत शवदाह गृह बन जाने के बाद एक तरफ जहां कम आय वर्ग वाले लोगों को दाह-संस्कार के महंगे खर्च से मुक्ति मिलेगी वहीं, दूसरी तरफ विभिन्न दुर्घटनाओं में मृत लावारिस व्यक्तियों के अंतिम संस्कार में भी आसानी होगी. खास बात यह है कि पतित पावनी गंगा में भी लोग अब शवों को बहाने से परहेज करेंगे.
पर्यावरण की सुरक्षा के साथ-साथ समय की भी बचत :
शवदाह के लिए जहां बरसात के मौसम में काफी परेशानी उठानी पड़ती है वहीं, लकड़ी से शवदाह करने पर पर्यावरण को भी नुकसान होता है. इतना ही नहीं शवदाह की प्रक्रिया में भी घंटों का समय भी लगता है. ऐसे में महामारी जैसी स्थिति मैं काफी परेशानी उठानी पड़ती है. संक्रमण काल में प्रशासन ने इस बात को बखूबी समझा है. ऐसे में विद्युत शवदाह गृह की नितांत आवश्यकता प्रतीत हो रही थी. मुक्ति धाम में बन रहे विद्युत शवदाह गृह में दो इलेक्ट्रिक तथाचार वुडेन सेट का निर्माण होगा.
0 Comments