वीडियो : संकटग्रस्त बच्चों की मदद को चाइल्ड हेल्प ग्रुप की हुई बैठक ..

घर से भागे हुए बच्चों को परिजन अपने साथ ले तो जाते हैं लेकिन, उन पर इतना मानसिक दबाव बना देते हैं कि वह या तो आत्महत्या कर लेते हैं या फिर परिजनों के द्वारा ही उनकी ऑनर किलिंग कर दी जाती है. कई बार मानव तस्करी की बात भी सामने आती है. 

 








- स्थानीय रेलवे स्टेशन पर आयोजित हुआ था कार्यक्रम
- मौजूद रहे चाइल्डलाइन सीडब्ल्यूसी तथा रेल प्रशासन के लोग


बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : चाइल्ड हेल्प ग्रुप की एक बैठक स्थानीय रेलवे स्टेशन पर आयोजित की गई. बैठक में रेलवे चाइल्ड लाइन चाइल्ड वेलफेयर कमिटी, आरपीएफ-जीआरपी के प्रतिनिधियों के साथ-साथ रेलवे स्टेशन प्रबंधक राजन कुमार मौजूद थे. इस बैठक की अध्यक्षता भी स्टेशन प्रबंधक ने की.





बैठक के दौरान रेलवे चाइल्ड लाइन के हरि सिंह ने बताया कि रेलवे चाइल्ड लाइन के द्वारा पिछले 1 साल में 40 मामले प्रतिवेदित किए गए हैं, जिनमें संकटग्रस्त बच्चों को उनके परिजनों से मिलाया गया है. इस कार्य में आरपीएफ और जीआरपी का भी पूरा सहयोग मिला है हालांकि, कई बार ऐसा देखा गया है कि रेल पुलिस के द्वारा बच्चों को अपने स्तर से ही परिजनों के हवाले कर दिया जाता है, जो कि सही नहीं है. बच्चे अगर किसी भी कारण से घर से भागते हैं अथवा परिजनों से बिछड़ भी जाते हैं तो सुपुर्दगी के पूर्व ना सिर्फ उनके परिजनों की पूरी जानकारी लेनी होती है बल्कि सुपुर्दगी के बाद बच्चों का हाल-चाल भी समय-समय पर लेना आवश्यक होता है. यह कार्य बाल कल्याण समिति के द्वारा किया जाता है लेकिन, यह तभी संभव हो सकेगा जब आरपीएफ और जीआरपी के द्वारा संकटग्रस्त बच्चों को रेलवे चाइल्ड लाइन के माध्यम से बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जाए. 

बाल कल्याण समिति के सदस्य डॉ शशांक शेखर ने भी इस बात पर अपनी सहमति दी और कहा कई बार ऐसा सुनने में आता है कि घर से भागे हुए बच्चों को परिजन अपने साथ ले तो जाते हैं लेकिन, उन पर इतना मानसिक दबाव बना देते हैं कि वह या तो आत्महत्या कर लेते हैं या फिर परिजनों के द्वारा ही उनकी ऑनर किलिंग कर दी जाती है. कई बार मानव तस्करी की बात भी सामने आती है. ऐसे में स्टेशन पर भूले-भटके तथा किसी भी प्रकार से संकटग्रस्त बच्चे अगर मिलते हैं तो उन्हें परिजनों के हवाले किए जाने का कार्य सीधे ना करते हुए पहले उन्हें बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जाए. 

बैठक के दौरान रेलवे चाइल्ड लाइन के सदस्यों के लिए रेलवे प्लेटफार्म पर कार्यालय बनाने के विषय पर भी चर्चा की गई, जिस पर स्टेशन प्रबंधक राजन कुमार ने बताया कि मामले में वरीय अधिकारियों से पत्राचार किया गया है, जिस प्रकार का निर्देश प्राप्त होगा उसके आलोक में आगे की कार्रवाई की जाएगी.  मौके पर रेलवे चाइल्ड लाइन के निदेशक हरि सिंह के साथ-साथ बाल संरक्षण पदाधिकारी स्वाति श्रीवास्तव, बाल कल्याण समिति के सदस्य डॉ शशांक शेखर, स्टेशन प्रबंधक राजन कुमार बाल कल्याण समिति के पूर्व अध्यक्ष संतोष भारती, आरपीएफ के एएसआई सुबोध कुमार, जीआरपी के एएसआई शैलेंद्र दास, अल्पावास गृह की समन्वयक प्रियंका कुमारी, बाल गृह की अधीक्षक रेवती कुमारी, जिला चाइल्डलाइन के समन्वयक पवित्र कुमार, रेलवे चाइल्ड लाइन के समन्वयक मुकेश कुमार, दीपक कुमार, विकास भारती, धर्मेंद्र यादव, मनोज कुमार, सूर्यदेव, अमित कुमार, सोनी पांडेय, शिमला देवी, अंजू देवी, विश्वा भारती आदि मौजूद थे.

वीडियो : 















 














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