वीडियो : निजी अस्पताल में खून की सौदेबाज़ी, वसूले 14 हज़ार रुपये ..

रक्ताल्पता के वजह से अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया, जहां चिकित्सकों ने कहा कि उन्हें तत्काल रक्त की आवश्यकता है इसके लिए 14 हज़ार रुपये देने होंगे. मरीज के पति ने बताया कि अस्पताल प्रबंधक के कहे जाने पर उन्होंने 14 हज़ार रुपये जमा कराएं, जिसके बाद उन्हें रक्त प्रदान किया गया.







- नगर के आईटीआई फील्ड के समीप अवस्थित है अस्पताल
- सिविल सर्जन ने कहा, प्राथमिकी दर्ज करें परिजन

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : नगर के एक निजी अस्पताल के द्वारा मरीज के परिजनों से रक्त के नाम पर 14  वसूले जाने का मामला सामने आया है मामले को लेकर मरीज के परिजनों के द्वारा हंगामा किया, जिसके बाद मौके पर पहुंचे पत्रकारों ने जब अस्पताल प्रबंधक से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि बक्सर के रेडक्रॉस रक्त अधिकोष में रक्त देने के बाद ही रक्त मिलता है जबकि, मरीज के परिजन ब्लड डोनेशन के लिए तैयार नहीं थे. उधर मरीज की हालत गंभीर थी ऐसे में उन्हें वाराणसी के एक निजी रक्त अधिक उससे रक्त दिलवाया गया जहां पैसे देने पड़े. मामले में सिविल सर्जन डॉ जितेंद्र नाथ ने बताया कि जिले में कार्यरत रेडक्रॉस के रक्त कोष में रक्त की कमी नहीं है. ऐसे में यदि किसी निजी अस्पताल के द्वारा इस तरह की अवैध वसूली की जाती है तो मरीज के परिजनों को उनके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करनी चाहिए.




घटना के संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक जिले के करुअज गांव निवासी रविंद्र सिंह की पत्नी सुषमा देवी को रक्ताल्पता के वजह से अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया, जहां चिकित्सकों ने कहा कि उन्हें तत्काल रक्त की आवश्यकता है इसके लिए 14 हज़ार रुपये देने होंगे. मरीज के पति ने बताया कि अस्पताल प्रबंधक के कहे जाने पर उन्होंने 14 हज़ार रुपये जमा कराएं, जिसके बाद उन्हें रक्त प्रदान किया गया लेकिन, तब तक उन्हें यह ज्ञात हुआ कि रक्त के लिए पैसे नहीं देने होते हैं. इस पर जब उन्होंने अस्पताल प्रबंधक से बात की तो उनसे मारपीट की गई और उन्हें अस्पताल से चले जाने को कहा गया. 

बाद उन्होंने युवा नेता मोहित कुशवाहा से संपर्क किया जिसके बाद वह मौके पर पहुंचे तथा प्रबंधक से बात करनी चाही लेकिन कोई उनकी बात सुनने को भी तैयार नहीं है उधर, इस मामले को लेकर सिविल सर्जन डॉ जितेंद्र नाथ से बात की गई तो उन्होंने बताया कि ऐसा प्रतीत हो रहा है कि उक्त अस्पताल का निबंधन भी नहीं है. सीएस ने कहा कि मामले को लेकर मरीज के परिजन भी प्राथमिकी दर्ज कराते हैं तो आगे की कार्रवाई की जाएगी.

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