400 वें प्रकाश वर्ष पर याद किए गए गुरु तेग बहादुर

कहा कि 400 वर्ष पूर्व इस महान धरती पर अवतरित हुए गुरु तेगबहादुर के अमर बलिदान की गाथाओं को इतिहास के पन्नों में अंकित होना चाहिए ताकि आने वाली पीढियां धर्म और संस्कृति के प्रति किये हुए त्याग से रूबरू हो सकें.




- सिविल लाइंस स्थित सरस्वती विद्या मंदिर में आयोजित कार्यक्रम
- अनेक बुद्धिजीवी तथा सिख समुदाय से जुड़े लोग हुए कार्यक्रम में शामिल
    
बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : भारतीय इतिहास के प्रखर बलिदानी सिक्ख संप्रदाय के 9 वें गुरु तेग बहादुर जी के 400 वें प्रकाश वर्ष पर स्थानीय सरस्वती विद्या मंदिर, सिविल लाइन्स में एक कार्यक्रम आयोजित हुआ. डॉ हेडगेवार स्मारक समिति ,बक्सर के तत्वाधान में आयोजित इस कार्यक्रम में जिले के अनेक बुद्धिजीवी, सिक्ख बंधु सम्मिलित हुए. कार्यक्रम में बतौर मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के दक्षिण बिहार के सह प्रान्त कार्यवाह राजेन्द्र जी, मुख्य अतिथियों के रूप में विश्व हिंदू परिषद के जिलाध्यक्ष सिद्धनाथ मिश्र, डॉ महेश दत्त सिंह व सरदार प्रदीप मौजूद रहे. 


विषय प्रवेश करते हुए संघ के सह जिला कार्यवाह चंदन प्रकाश ने कहा कि अपने धर्म और संस्कृति की रक्षा करने की अमर सनातन परंपरा में गुरु तेगबहादुर का नाम स्वर्णाक्षरों में अंकित है. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सरदार रघुवीर जी ने कहा कि 400 वर्ष पूर्व इस महान धरती पर अवतरित हुए गुरु तेगबहादुर के अमर बलिदान की गाथाओं को इतिहास के पन्नों में अंकित होना चाहिए ताकि आने वाली पीढियां धर्म और संस्कृति के प्रति किये हुए त्याग से रूबरू हो सकें.


मुख्य वक्ता राजेन्द्र जी ने कहा कि गुरु जी का बलिदान आत्मविस्मृत हिन्दू और सिक्ख भाइयों को जगाने का काम किया और अपने मूल्य, परंपरा, शास्त्र, संस्कृति की रक्षा के लिए एक आदर्श अनुकरणीय मार्ग प्रशस्त किया वहीं उनका बलिदान समावेशी समाज के निर्माण के लिए था. डॉ महेश दत्त सिंह ने कहा कि हिन्दू धर्म के उद्दात मूल्यों से परिपोषित होने वाले सिक्ख सम्प्रदाय इसी का एक अंग है. गुरु तेगबहादुर हिन्द की चादर थे. 

विहिप के सिद्धनाथ मिश्रा ने कहा कि औरंगजेब के इस्लाम कुबूल करने की आक्रामक,हिंसक और अमानवीय देशव्यापी अभियान के विरोध में गुरु तेगबहादुर ने दिल्ली के चांदनी चौक पर अपना अमर बलिदान दिया. कार्यक्रम में बहन हरप्रीत कौर ने कविता के माध्यम से गुरुजी के बलिदान गाथा की याद दिलाई. वहीं खुशी खालसा ने धार्मिक मूल्यों और बलिदान की परंपरा पर प्रकाश डाला. कार्यक्रम का संचालन अभिजीत  व धन्यवाद ज्ञापन राजेश राघव ने किया वहीं सबद बहन दलजीत कौर ने प्रस्तुत किया. कार्यक्रम में मुख्य रूप से ओमप्रकाश पवननन्दन, विहिप के प्रांतीय मंत्री कन्हैया पाठक, दीपनारायण, प्रो रासबिहारी जी, प्रो भरत चौबे, विद्यालय के प्रधानाध्यापक विमल पांडेय, अमरेंद्र, आलोक, अंशुमान, नागेंद्र, हिमांशु, मदन दुबे, राजकुमार जी, राजकमल, राजा पहवा समेत अनेक लोग उपस्थित रहे.




















 














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