पेशी के लिए लाए कैदी से बातचीत करने की कोशिश करने लगे. अधिवक्ता ने यूनिफार्म नहीं पहनी थी. ऐसे में एएसआई से उनकी बकझक हो गई. अधिवक्ता अभी कुछ बता ही पाते तब तक एसआई ने उन्हें दो थप्पड़ जड़ दिए. साथी अधिवक्ता को पिटता देख अन्य अधिवक्ता भी मौके पर पहुंचे और जिसके बाद सुनील मिश्रा तथा अन्य अधिवक्ताओं के द्वारा दारोगा की पिटाई कर दी गई.
- पेशी के लिए लाए गए अभियुक्त से बात करना चाह रहे थे वकील साहब
- पुलिसकर्मी ने मारे थप्पड़, तो अधिवक्ताओं ने चलाए लात-घूंसे
बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : स्थानीय व्यवहार न्यायालय दिन में तकरीबन 10:00 बजे उस वक्त रणक्षेत्र में तब्दील हो गया जब किसी अभियुक्त को पेशी के लिए लेकर पहुंचे दारोगा और अधिवक्ता के बीच कहासुनी हो गई. बात देखते ही देखते मारपीट में तब्दील हो गई. इस मारपीट में अधिवक्ता को जहां मामूली चोट आई वहीं, दारोगा लहूलुहान हो गए. बाद में न्यायालय में मौजूद अन्य पुलिसकर्मियों के द्वारा घायल दारोगा को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया.
घटना के संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक गुरुवार की सुबह तकरीबन 10:00 बजे मुफस्सिल थाने में पदस्थापित एएसआई चंद्रशेखर आजाद किसी कैदी को पेशी के लिए न्यायालय में लेकर पहुंचे हुए थे इसी बीच अधिवक्ता सुनील मिश्रा पेशी के लिए लाए कैदी से बातचीत करने की कोशिश करने लगे. अधिवक्ता ने यूनिफार्म नहीं पहनी थी. ऐसे में एएसआई से उनकी बकझक हो गई. अधिवक्ता अभी कुछ बता ही पाते तब तक एसआई ने उन्हें दो थप्पड़ जड़ दिए. साथी अधिवक्ता को पिटता देख अन्य अधिवक्ता भी मौके पर पहुंचे और जिसके बाद सुनील मिश्रा तथा अन्य अधिवक्ताओं के द्वारा दारोगा की पिटाई कर दी गई.
इस पिटाई में पुलिस कर्मी का सिर फट गया और वह लहूलुहान हो गए. यह नजारा देख न्यायालय के सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मी दौड़ते हुए वहां पहुंचे और किसी तरह अपने साथी को बचाकर सदर अस्पताल भेज दिया.
फट गया है दारोगा का सिर, हालत खतरे से बाहर :
मामले में नगर थानाध्यक्ष दिनेश कुमार मालाकार ने बताया कि पेशी के लिए लाए गए कैदी से बातचीत करने की कोशिश के दौरान यह मारपीट हुई है. पुलिस कर्मी का सिर फट गया है, घायल पुलिसकर्मी का इलाज चल रहा है.उनकी स्थिति खतरे से बाहर बताई जा रही है.
अधिवक्ताओं के सम्मान के साथ नहीं होगा समझौता :
उधर, मामले में अधिवक्ता संघ के महासचिव बिंदेश्वरी प्रसाद पांडेय ने बताया कि निश्चित रूप से इस तरह की घटना का होना दुखदाई है क्योंकि, पुलिस और अधिवक्ता सदैव एक साथ मिलकर कार्य करते हैं. ऐसे में इस मामले को आपसी सुलह से सलटा लेना चाहिए लेकिन, किसी सूरत में अधिवक्ताओं के सम्मान के साथ समझौता नहीं किया जाएगा और अगर इस तरह की घटना की पुनरावृति होती है तो उसका मुंहतोड़ जवाब भी दिया जाएगा.
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