देश ही नहीं बल्कि विदेशों मे भी अगस्त से अक्टूबर माह तक उनकी कई कथायें आयोजित होनेवाली हैं.2022 तक भाई गुप्तेश्वर ज़ी महाराज कथा के लिए उपलब्ध नहीं हैं. उनकी अगली कथा 20 मई से काठमांडू मे आयोजित है. इस कथा का उद्घाटन प्रधानमंत्री करेगें. कथा के श्रवण के लिए नेपाल के सातों राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हो रहे हैं.
- राजपुर प्रखंड के मनियां में आयोजित है कथा
- शामिल हुए मंत्री रामसूरत राय व भाजपा नेता प्रदीप राय
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : बिहार मे भीषण गर्मी से लोग बेहाल हैं लेकिन बक्सर जिले के राजपुर प्रखंड के मनिया गावं मे शीत लहर की बयार बह रही है. भीषण गर्मी पर श्रीमद भागवत कथा का अमृत भारी पड़ रही है. देश भर में चर्चित बिहार के पूर्व पुलिस महानिदेशक भाई गुप्तेश्वर ज़ी महाराज उर्फ़ बक्सर वाले भैया जी के श्रीमुख से हो रही श्रीमद भागवत कथा का रसपान करने के लिए भीषण गर्मी मे भी लोगों का जन सैलाब उमड़ रहा है.
रविवार को कथा के दूसरे दिन बिहार सरकार के भूमि सुधार राजस्व मंत्री रामस्वरूप राय कथा पंडाल मे पहुंचे. उनके साथ भाजपा नेता व वैष्णवी ग्रुप के चेयरमैन प्रदीप राय मौजूद रहे.
दोनों नेताओं में कथा वाचक भाई गुप्तेश्वर ज़ी महाराज के होनेवाली श्रीमद भागवत कथा का रसपान किया और उनका आशीर्वाद लिया. मंत्री ने कहा कि भाई गुप्तेश्वर ज़ी महाराज ने बतौर एक पुलिस अधिकारी देश भर में अपनी एक पहचान बनाई और कथा जगत मे बहुत कम समय मे अपनी एक अलग पहचान और जगह बनाकर सबको हैरान कर दिया.
मनिया गावं मे श्री लक्ष्मी नारायण महा यज्ञ और श्रीमद भागवत कथा साप्ताहिक ज्ञान यज्ञ का आयोजन करनेवाले लालचक के मुखिया हरेंद्र सिंह का कहना है कि भीषण गर्मी पर लोगों कस उत्साह भारी पड़ रहा है. कथा प्रतिदिन दोपहर एक बजे से शाम चार बजे तक हो रही है.
2022 में देश-विदेश में आयोजित हैं कई कथाएं, 20 मई से नेपाल में होगा कथा वाचन :
गौरतलब है कि भाई गुप्तेश्वर पाण्डेय ज़ी महाराज ने डेढ़ साल पहले डीजीपी कि नौकरी छोड़ अध्यात्म की दुनिया मे रम गये. छह महीने के अंदर अध्यात्म और कथा जगत मे छा गये. देश के कोने कोने मे उनकी कथा का आयोजन हो रहा है. देश ही नहीं बल्कि विदेशों मे भी अगस्त से अक्टूबर माह तक उनकी कई कथायें आयोजित होनेवाली हैं.2022 तक भाई गुप्तेश्वर ज़ी महाराज कथा के लिए उपलब्ध नहीं हैं. उनकी अगली कथा 20 मई से काठमांडू मे आयोजित है. इस कथा का उद्घाटन प्रधानमंत्री करेगें. कथा के श्रवण के लिए नेपाल के सातों राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हो रहे हैं.
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