श्री निवास संस्कृत महाविद्यालय के अध्यक्ष हुए परमपद ..

बताया कि वैष्णव सम्प्रदाय के प्रति अनुरागी रहते हुए सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए सतत प्रयत्नशील रहे. स्वामी जी महाराज ने बताया कि  मुझे शिक्षा  देकर धर्मानुरागी के साथ साथ वैदिक शिक्षा के लिए हमेशा प्रेरित करते रहे.









- लगातार तीन गद्दी से बने रहे बसांव मठिया के संस्थापक 
- धर्मानुरागी उन्हें बताया अपूरणीय क्षति
 
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : श्री निवास मुकुंद रामानुज संस्कृत महाविद्यालय के अध्यक्ष सह बसाँव मठिया के तीन गद्दी से व्यवस्थापक के रूप ख्यति प्राप्त सनातन धर्म के प्रचारक श्री जनार्दन दास जी महाराज सोमवार के दोपहर भगवत नाम स्मरण करते हुए परमपद को प्राप्त हुए.



जानकारी देते बसाँव मठिया के मठाधीश श्री श्री 1008 श्री स्वामी  अच्च्युत्प्रापन्नाचार्य जी महाराज ने बताया कि श्री जनार्दन दास जी सनातन धर्म के ख्याति प्राप्त धर्म प्रचारक थे. इन्होंने बसाँव मठिया में बचपन से ही अपने प्रयास से विकास एवम वैष्णव धर्म के प्रति अनुरागी बने रहे. स्वामी जी महाराज ने बताया कि  श्री जनार्दन दास जी लगातार तीन गद्दी से बसाँव मठिया के व्यवस्थापक के रूप अपनी सेवा देते रहे. इन्होंने संस्कृत भाषा के प्रचार प्रसार के साथ महाविद्यालय में पठन-पाठन के लेकर काफी अपनी लगन दिखाई. 

स्वामी जी महाराज ने बताया कि वैष्णव सम्प्रदाय के प्रति अनुरागी रहते हुए सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए सतत प्रयत्नशील रहे. स्वामी जी महाराज ने बताया कि  मुझे शिक्षा  देकर धर्मानुरागी के साथ साथ वैदिक शिक्षा के लिए हमेशा प्रेरित करते रहे. इसी कारण वह हमेशा शिक्षा गुरु के रूप में प्रतिष्ठा देते रहे. इनका परमपद होना मठिया के लिए अपूरणीय क्षति है. स्वामी जी महाराज ने बताया कि श्री जनार्दन दास जी दशगात्र संबंधी सारा कार्यक्रम इनके पैतृक गाँव रोहतास जिला के बघेला थाना के पचपोखरी गाँव से सम्पन्न होगा.















 














Post a Comment

0 Comments