ग्रुप-डी की नौकरी से रेलवे गार्ड बने व्यक्ति ने दहेज में लग्जरी कार के लिए पत्नी को घर से निकाला ..

दिसंबर 2020 को उनके ससुराल वालों ने उन्हें मारपीट कर घायल कर दिया जिसके बाद खुशबू ने अपने भाई को बुलाया और उनके साथ इलाज के लिए आरा स्थित अस्पताल में गई थी, वहां से जब वह अपने ससुराल लौटी तो वहां उन्हें घर में प्रवेश नहीं दिया गया और कहा गया कि वह चुपचाप अपने मायके चली जाए अथवा उनकी हत्या कर दी जाएगी.







- ब्रह्मपुर थाना क्षेत्र के काट गांव का है मामला
- मामले में प्राथमिकी दर्ज कर जांच में जुटी है पुलिस

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर :  ग्रुप-डी की नौकरी रहते शादी हुई और जब प्रमोशन हो गया तो दहेज में लग्जरी कार की मांग की जाने लगी. पत्नी ने जब रुपए देने में असमर्थता जताई तो उसे ससुराल से निकाल दिया गया.

मामला जिले के ब्रह्मपुर प्रखंड के कांट गांव का है, जहां ब्याही गई  खुशबू कुमारी नामक विवाहिता ने महिला थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है. उन्होंने अपने आवेदन में बताया है कि उनकी शादी अप्रैल 2019 में कांट गांव निवासी भरत जी प्रसाद के रेलवे के ग्रुप-डी में कार्यरत पुत्र रंजीत कुमार से हुई थी. शादी के वक्त उनके पिता दस लाख रुपये नगद तथा छह लाख रुपये के अन्य उपहार दिए थे. 



कुछ दिन के बाद यह ज्ञात हुआ कि उनके पति की पदोन्नति हो गई है और वह ग्रुप-डी की नौकरी से सीधे रेलवे के गुड्स गार्ड हो गए हैं. खुशबू के मुताबिक पति की पदोन्नति के बाद ससुराल वालों के व्यवहार में परिवर्तन आ गया. सास हेवन्ती देवी, पति - रंजीत कुमार, ननद सत्यम कुमारी, देवर संदीपन कुमार उर्फ डब्लू के द्वारा यह ताना दिया जाने लगा कि यदि रंजीत की शादी अब हुई होती तो दहेज में चालीस लाख रुपये से कम नहीं मिलता. 




उन्होंने खुशबू से यह कहा कि अपने पिता से वह अब स्विफ्ट डिजायर कार दिलवा दें अन्यथा उन्हें घर में रहने नहीं दिया जाएगा. बार बार उनसे मारपीट की जाती, जिसकी शिकायत वह अपने मायके वालों से करती लेकिन लोक-लाज के मारे बात को किसी तरह समझा-बुझाकर खत्म कर दिया जाता. 19 दिसंबर 2020 को उनके ससुराल वालों ने उन्हें मारपीट कर घायल कर दिया जिसके बाद खुशबू ने अपने भाई को बुलाया और उनके साथ इलाज के लिए आरा स्थित अस्पताल में गई थी, वहां से जब वह अपने ससुराल लौटी तो वहां उन्हें घर में प्रवेश नहीं दिया गया और कहा गया कि वह चुपचाप अपने मायके चली जाए अथवा उनकी हत्या कर दी जाएगी.

तकरीबन 2 वर्ष के बाद जनवरी 2022 में एक बार फिर वह अपने पिता तथा अन्य गणमान्य लोगों के साथ अपने ससुराल पहुंची और स्थानीय सरपंच को आवेदन देते हुए न्याय की गुहार लगाई लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. अंततः उन्होंने मामले को लेकर प्राथमिकी दर्ज कराई. मामले में महिला थाने की प्रभारी थानाध्यक्ष ने बताया कि प्राथमिकी दर्ज करने के उपरांत आगे की कार्रवाई की जा रही है.















 














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