बस्ती के बीचों-बीच राइस मिल संचालन से परेशान ग्रामीणों ने डीएम से की मुलाकात ..

बावजूद इसके अब तक राइस मिल का संचालन हो रहा है. इतना ही नहीं राइस मिल में सरकारी धान भी दिया जा रहा है. ऐसे में खुलेआम नियमों की अवहेलना तो है ही जनमानस के स्वास्थ्य के साथ ही खिलवाड़ है. मामले को लेकर स्थानीय निवासियों ने शनिवार को जिला पदाधिकारी से मुलाकात की तथा उनसे इस मामले में जल्द ही उचित कार्रवाई करने का अनुरोध किया.









- कहा, संचालन को अवैध माने जाने के बावजूद धड़ल्ले से संचालित है मिल
- जिला पदाधिकारी ने अनुमंडल पदाधिकारी को दिया कार्रवाई का निर्देश

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : इटाढ़ी प्रखंड के जयपुर गांव के बैकुंठपुर में बस्ती के बीचों बीच राइस मिल के संचालन पर स्थानीय ग्रामीणों ने आपत्ति जताई है. उनका कहना है कि जिला प्रशासन की जांच के आलोक में राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इसके संचालन को गलत बताया था लेकिन कई माह गुजर जाने के बाद भी अवैध तरीके से मिल का  का संचालन हो रहा है और प्रशासनिक अधिकारी इस पर चुप्पी साधे हुए हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि निश्चित रूप से इसमें प्रशासन के पदाधिकारियों की भी मिलीभगत है. उन्होंने शनिवार को जिला पदाधिकारी से मिलकर इस मामले में उचित कार्रवाई करने का अनुरोध किया वहीं, जिला पदाधिकारी ने भी यह स्पष्ट किया है कि अवैध रूप से संचालित हो रहे राइस मिल संचालक के विरुद्ध कार्रवाई करने का निर्देश दे दिया गया है.



स्थानीय निवासी नर्मदेश्वर सिंह ने बताया कि कुछ माह पूर्व ही इस मामले में  राज्यपाल को पत्र लिखकर उसने शिकायत की गई थी कि "हरपुर-जयपुर गैसीफियर सह राइस मिल" नामक मिल के संचालन से स्थानीय लोगों को काफी परेशानी होती है. आसपास की बस्ती में राइस मिल से उड़कर जो भूसा जाता है उसके कारण लोगों को श्वसन संबंधी परेशानियां झेलनी पड़ती है. पास में ही अनुसूचित बस्ती के लोग इस स्थिति से काफी परेशान  रहते हैं. इतना ही नहीं समीप ही पहने वाली ठोरा नदी का जल भी इससे प्रदूषित होता है, जिससे कि पशु-पक्षियों को पानी पीने एवं स्थानीय लोगों को स्नान व कपड़ा धोने में परेशानी होती है. 


उनकी शिकायत को लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के यहां भेजा गया जिसके बाद प्रमंडलीय आयुक्त के निर्देशानुसार जिला पदाधिकारी ने स्थिति की जांच कराई और मामले को सत्य पाया. जांच के दौरान यह भी पाया गया कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से राइस मिल संचालन के लिए जो अनापत्ति प्रमाण पत्र दिया गया है वह भी गलत शपथ पत्र के आधार पर लिया गया है. 



ग्रामीणों का कहना है कि बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने भी राइस मिल के संचालन को गलत माना था. जिला पदाधिकारी ने भी अपनी जांच रिपोर्ट में इस बात का स्पष्ट उल्लेख किया है कि राइस मिल का संचालन गलत तरीके से हो रहा है, बावजूद इसके अब तक राइस मिल का संचालन हो रहा है. इतना ही नहीं राइस मिल में सरकारी धान भी दिया जा रहा है. ऐसे में खुलेआम नियमों की अवहेलना तो है ही जनमानस के स्वास्थ्य के साथ ही खिलवाड़ है. मामले को लेकर स्थानीय निवासियों ने शनिवार को जिला पदाधिकारी से मुलाकात की तथा उनसे इस मामले में जल्द ही उचित कार्रवाई करने का अनुरोध किया.


मामले में पूछे जाने पर जिला पदाधिकारी अमन समीर ने कहा कि जांच रिपोर्ट के आधार पर राइस मिल को बंद करवाने के लिए अनुमंडल पदाधिकारी को निर्देशित किया गया है. वहीं, अनुमंडल पदाधिकारी धीरेंद्र कुमार मिश्रा ने कहा कि उन्होंने अंचलाधिकारी से इस मामले में रिपोर्ट मांगी है. अगर गलत तरीके से राइस मिल का संचालन हो रहा है तो निश्चित रूप से उसे बंद किए जाने की कार्रवाई होगी.

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