वीडियो : नगर परिषद की कार्यपालक पदाधिकारी पर बक्सर में भारी भ्रष्टाचार के आरोप, प्रशासक की भूमिका पर भी सवाल ..

कार्यपालक पदाधिकारी का कहना है कि उन्होंने  नगर प्रशासक को एनजीओ की लापरवाही के संदर्भ में पत्र प्रेषित किया, उस पर कोई कार्यवाही नहीं की गई उन्होंने 11 मई को पुनः एक पत्र उन्हें प्रेषित किया लेकिन अब तक उस पर कोई जवाब कार्रवाई नहीं हो सकी है उधर इस मामले में एडीएम प्रीतेश्वर प्रसाद भी कुछ स्पष्ट जवाब नहीं दे पा रहे हैं. 







- ई-रिक्शा खरीद से लेकर वॉल पेंटिंग तक के नाम पर रुपयों का भारी फिर फिर
- सफाई एनजीओ के कार्यकलापों पर पर्दा डालने की सामने आ रही बात

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : नगर परिषद की कार्यपालक पदाधिकारी प्रेम स्वरूपम बिक्रमगंज में ई-रिक्शा खरीद तथा साइन बोर्ड आदि लगाने के मामलों में वित्तीय अनियमितता में फंसती दिखाई दे रहे हैं. उन पर जो आरोप लगे हैं जांच दल ने उन आरोपों को सही पाया है, जिसके बाद डीएम धर्मेंद्र कुमार ने उनके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने के आदेश दिए हैं. उधर, कार्यपालक पदाधिकारी पर बक्सर में भी कई तरह के वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लग रहे हैं जिनमें काफी संख्या में ई-रिक्शा की खरीद एवं तय राशि से 10 गुना ज्यादा राशि से वॉल पेंटिंग से लेकर कचरा उठाने वाली एनजीओ से कमीशन लेने के साथ ही तमाम कार्यों में कमीशनखोरी लेने के आरोप लगे हैं. इतना ही नहीं मामले में प्रशासक की भूमिका निभा रहे एडीएम प्रीतेश्वर प्रसाद के कार्यकलाप भी सवालों के घेरे में हैं. मामले में ना सिर्फ कार्यपालक पदाधिकारी बल्कि प्रशासन भी गोलमोल जवाब दे रहे हैं. ऐसे में यह प्रतीत हो रहा है कि जिले में नगर परिषद के द्वारा करोड़ों रुपए के घोटालों को छिपाने की जी तोड़ कोशिश अधिकारियों के द्वारा भी की जा रही है.


खरीदे गए 40 ई-रिक्शा, परिचालन नहीं : 

दरअसल बक्सर में कचरा उठाव के नाम पर 40 ई-रिक्शा की खरीद की गई है इन सभी ई-रिक्शा का परिचालन नहीं हो रहा यह सभी ई-रिक्शा नगर परिषद के परिसर में खुले में धूल फांक रहे हैं और पड़े पड़े खराब हो रहे हैं . वार्ड नंबर 27 के वार्ड पार्षद राकेश कुमार सिंह बताते हैं कि प्रत्येक ई-रिक्शा की खरीद तकरीबन 2 लाख 90 हज़ार  में की गई है जबकि यह कीमत सामान्य कीमत से लगभग 2 गुना है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि ई-रिक्शा खरीदने भारी कमीशन खोरी भी की गई है. इस बात पर नगर परिषद की कार्यपालक पदाधिकारी ने बताया कि 40 ई-रिक्शा की खरीद की गई है जिसमें 36 ई-रिक्शा एनजीओ को दे दिए गए हैं. एनजीओ भले ही उनका संचालन नहीं करता हो लेकिन एनजीओ से प्रतिमाह 67 हज़ार 200 किराए की वसूली की जा रही है.

18 रुपये की वॉल पेंटिंग 120 रुपये में क्यों?

नगर में इन दिनों स्वच्छता सर्वेक्षण के नाम पर वॉल पेंटिंग की जा रही है. सूत्र बताते हैं कि जो वॉल पेंटिंग 18 रुपये प्रति स्क्वायर फीट के हिसाब से होनी चाहिए थी वो 120 रुपये प्रति स्क्वायर फीट के हिसाब से हो रही है. नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी के द्वारा अपने किसी चहेते कांट्रेक्टर से इसे कराया जा रहा है. इस बारे में भी पूछने पर नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी ने यह जवाब दिया है कि जो वॉल पेंटिंग हो रही है उसकी क्वालिटी सामान्य वॉल पेंटिंग से अलग है. इतना ही नहीं उन्होंने यह बताया कि पटना आर्ट्स कॉलेज के स्टूडेंट्स को कर रहे हैं ऐसे में पेंटिंग की कीमत इतनी ज्यादा हो रही है.

प्रशासक की भूमिका भी सवालों के घेरे में : 

नगर में स्वच्छता को लेकर भी बड़ा खेल होने की बात सामने आई है. बताया जा रहा है कि छपरा की कोई एनजीओ नगर में कचरा उठाव में भारी अनियमितता बरत रही है पिछले ही दिनों सिंडिकेट के समीप बनाए गए पुल पर एनजीओ के द्वारा कचरा डंप कर दिया गया था. इस बाबत पूछे जाने पर नगर परिषद की कार्यपालक पदाधिकारी का कहना है कि उन्होंने  नगर प्रशासक को एनजीओ की लापरवाही के संदर्भ में पत्र प्रेषित किया, उस पर कोई कार्यवाही नहीं की गई उन्होंने 11 मई को पुनः एक पत्र उन्हें प्रेषित किया लेकिन अब तक उस पर कोई जवाब कार्रवाई नहीं हो सकी है उधर इस मामले में एडीएम प्रीतेश्वर प्रसाद भी कुछ स्पष्ट जवाब नहीं दे पा रहे हैं. 

कार्यालय नहीं पहुंची हैं पदाधिकारी, ट्रांसफर करवाने की चर्चा :

बिक्रमगंज में तत्कालीन कार्यपालक पदाधिकारी प्रेम स्वरूपम के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज किए जाने का आदेश निर्गत किए जाने के पश्चात बुधवार को वह बक्सर में अपने कार्यालय नहीं पहुंची. उनके सरकारी तथा अन्य नंबरों पर फोन करने पर उन्होंने फोन नहीं उठाया हालांकि, दबी जुबान से लोग यह भी बता रहे हैं कि अबे यहां से अपना तबादला कराने की फिराक में है और अपनी राजनीतिक रसूख का तो करते हुए जल्द ही उनका तबादला कहीं और करा लेंगी.

वीडियो : 





















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