कहा कि किसी भी व्यक्ति को आंदोलन करने का हक है. खासकर बच्चे तो अपने हक की मांग कर रहे थे. ऐसे में यदि उनके साथ इस तरह का व्यवहार होता है तो यह सर्वथा निंदनीय है. उन्होंने कहा कि इस मामले में निश्चित रूप से विधायक फिर भी यह पूछना चाहिए कि उन्होंने इस तरह का व्यवहार क्यों किया?
- राजकीय अंबेडकर प्लस टू आवासीय विद्यालय का है मामला
- राजपुर विधायक विश्वनाथ राम पर बच्चों ने लगाए गंभीर आरोप
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : जिला मुख्यालय स्थित राजकीय अंबेडकर आवासीय प्लस टू विद्यालय के आंदोलनरत छात्रों से राजपुर के विधायक विश्वनाथ राम ने गाली-गलौज की उन पर यह आरोप छात्रावास के बच्चों ने लगाया है. आरोप यह भी है कि उन्होंने बच्चों को हॉस्टल बंद कराने तक की धमकी दे दी. बाद में इस बात की शिकायत डरे सहमे बच्चों ने उनसे मिलने के लिए पहुंचे डुमरांव विधायक अजीत कुमार सिंह से की. जिस पर डुमरांव विधायक ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि किसी भी व्यक्ति को आंदोलन करने का हक है. खासकर बच्चे तो अपने हक की मांग कर रहे थे. ऐसे में यदि उनके साथ इस तरह का व्यवहार होता है तो यह सर्वथा निंदनीय है. उन्होंने कहा कि इस मामले में निश्चित रूप से विधायक फिर भी यह पूछना चाहिए कि उन्होंने इस तरह का व्यवहार क्यों किया?
उधर, मामले में राजपुर से बिहार विधानसभा सभा सदस्य चुने गए विश्वनाथ राम से बात करने की कोशिश की गई लेकिन उन्होंने यह कहा कि वह किसी कार्यक्रम में है ऐसे में वह बात नहीं कर पाएंगे हालांकि, बाद में भी उन्होंने अपना पक्ष नहीं रखा.
जरा सी बात पर आग-बबूला हो गए थे विधायक :
दरअसल, पिछले दिनों राजकीय अंबेडकर आवासीय प्लस टू विद्यालय के छात्र छात्रावास में व्याप्त कई प्रकार की समस्याओं को लेकर आंदोलन पर थे. उन्होंने यह कहा की उन्हें न तो समय और ना ही मेन्यू के अनुसार भोजन मिलता है. इसके अतिरिक्त शिक्षकों की भी कमी है. कंप्यूटर शिक्षक तो आते ही नहीं है. ऐसे में छात्रों की यह मांग थी कि उनकी असुविधाओं को दूर किया जाए, जिसके लिए वह आंदोलन पर बैठे हुए थे. इसी बीच राजपुर विधायक विश्वनाथ राम पहुंचे और उन्होंने दरवाजा खोलने को कहा. इस पर किसी छोटी कक्षा के छात्र ने कहा कि चाबी बड़ी कक्षा के किसी छात्र के पास है. इस पर विधायक आग-बबूला हो गए और उन्होंने न सिर्फ बच्चों के प्रति अपशब्दों का प्रयोग किया बल्कि यहां तक कह दिया कि वह हॉस्टल बंद करा देंगे. ऐसे में डरे-सहमे बच्चे कुछ देर के लिए तो चुप हो गए लेकिन बाद में जब उनसे मिलने के लिए डुमरांव विधायक अजीत कुमार सिंह पहुंचे और उन्होंने उनका हालचाल पूछा तो उन्होंने बातचीत के क्रम में यह घटनाक्रम उनके सामने रखा.
बिना बिल के पहले ही पहुंच गया है सामान मिल रहे घोटाले के संकेत :
मामले में डुमरांव विधायक अजीत कुमार सिंह ने स्पष्ट तौर पर कहा कि देश में आंदोलन करना हर व्यक्ति का अधिकार है और बच्चे जब अपनी जायज मांगों के लिए शांतिपूर्ण ढंग से आंदोलन पर बैठे हुए थे तो उनसे इस तरह का व्यवहार करना कतई उचित नहीं है. उन्होंने कहा कि बच्चों को बिस्तर तक नहीं मिला है. इस बात के बारे में जब हॉस्टल प्रबंधक से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि वितरण इसलिए नहीं हुआ है क्योंकि अब तक सामान का बिल नहीं आया है. ऐसे में एक सवाल यह भी है कि आखिर बिना बिल के सामान पहले कैसे आ गया? कहीं न कहीं यहां भी एक बड़े घोटाले का संकेत मिल रहा है, जिसको लेकर वह जिला कल्याण पदाधिकारी से बातचीत करेंगे.
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