वीडियो : असामाजिक तत्वों का आश्रय स्थल बने रेलवे कॉलोनी के ये भवन ..

बताते हैं कि नशेड़ी अपनी नशे की जरूरत को पूरा करने के लिए इन्हीं खंडहरों में बैठकर अपराध की योजना बनाते हैं, फिर रेलवे प्लेटफार्म पर पहुंचकर यात्रियों के सामान मोबाइल फोन पर पैसे आदि छीन कर भाग निकलते हैं और यहां आकर छिप जाते हैं. रेलवे कॉलोनी में भी इनका उत्पात चरम पर है. विभिन्न घरों में चोरी की घटना इन दिनों बढ़ गई है. 






- यहीं से संचालित करते हैं आपराधिक गतिविधियां
- स्थानीय लोगों ने उठाएं आरपीएफ तथा जीआरपी की कार्यशैली पर सवाल

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : स्थानीय रेलवे कॉलोनी के खंडहर बने भवन अब असामाजिक तत्वों के आश्रय स्थल बन गए हैं. इन भवनों को ऐसे लोग ना सिर्फ नशा करने के लिए प्रयोग में ला रहे हैं बल्कि, यहीं से बैठकर आपराधिक गतिविधियों को भी संचालित कर रहे हैं. ऐसे में स्थानीय लोगों ने इस पर विरोध जताया है तथा आरपीएफ एवं जीआरपी की कार्यशैली पर भी सवाल उठाया है. उधर आरपीएफ के अधिकारियों का कहना है कि उनके द्वारा नियमित रूप से असामाजिक तत्वों के विरुद्ध अभियान चलाया जाता है. इस तरह की सूचना प्राप्त होने के बाद एक बार पुनः अभियान चलाकर असामाजिक तत्वों पर कार्रवाई की जाएगी.


दरअसल, दक्षिणी रेलवे कॉलोनी में अभियंत्रण विभाग के कार्यालय के समीप बने भवन फिलहाल इस्तेमाल नहीं किए जा रहे हैं. ऐसे में यह भवन खंडहरनुमा हो गए हैं. इन भवनों में पहुंचकर असामाजिक तत्व हेरोइन, गांजा तथा नशीली दवाओं का सेवन करते हैं. प्रमाण के तौर पर भवन के अंदर माचिस की तीलियों के साथ-साथ इस्तेमाल किए गए सिरिंज तथा दवाओं की खाली शीशियां फेंकी हुई दिखाई देती हैं. 

रेलवे कॉलोनी निवासी रवि भूषण ओझा बताते हैं कि नशेड़ी अपनी नशे की जरूरत को पूरा करने के लिए इन्हीं खंडहरों में बैठकर अपराध की योजना बनाते हैं, फिर रेलवे प्लेटफार्म पर पहुंचकर यात्रियों के सामान मोबाइल फोन पर पैसे आदि छीन कर भाग निकलते हैं और यहां आकर छिप जाते हैं. रेलवे कॉलोनी में भी इनका उत्पात चरम पर है. विभिन्न घरों में चोरी की घटना इन दिनों बढ़ गई है. आश्चर्य की बात तो यह है कि आरपीएफ और जीआरपी दोनों के पोस्ट समीप में ही है लेकिन, फिर भी ऐसे असामाजिक तत्वों के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं होती.

कॉलोनी में ही बैठे दो किशोरों से पूछताछ करने पर उन्होंने बताया कि इन भवनों में नशा करने वाले लोग पहुंचते हैं जो सिगरेट आदि पीते रहते हैं. किशोरों ने कहा कि मारे डर के वह लोग भी ऐसे लोगों को कुछ नहीं कह पाते. इतना ही नहीं उनके घर वाले भी ऐसे लोगों को रोकना रोकना उचित नहीं समझते.

मामले में आरपीएफ के पोस्ट प्रभारी विजेंद्र मुवाल से बात करने पर उन्होंने बताया कि आरपीएफ नियमित रूप से अभियान चलाकर असामाजिक तत्वों को पकड़ने का कार्य करती है. इस तरह की सूचना अगर मिली है तो इस पर भी कार्रवाई की जाएगी.

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