अफगानी शासक के तौर पर शेरशाह सूरी ने सड़क, वृक्षारोपण, यात्री को ठहरने के लिए शेड सराय के साथ आवागमन सुगम हेतु ग्रैंडट्रंक रोड का निर्माण कराया. यदि शेरशाह के कार्यकाल को याद किया जाए तो आज के समय में देश एवं राज्य में राज करने वाले नेताओं को उनके विकास कार्यो से सबक लेना चाहिए.
- कहा, शेरशाह ने हिंदुस्तान के लोगों का दिल जीतने के लिए किया चौमुखी विकास
- सरकार से की चमड़े का सिक्का चलाने वाले निजाम भिश्ती की आदमकद प्रतिमा लगाने की मांग
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : चौसा थर्मल पावर मजदूर यूनियन के बैनर तले कार्यालय चौसा रेलवे स्टेशन पर शेरशाह विजय दिवस रविवार को धूमधाम के साथ मनाया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता मजदूर यूनियन के महामंत्री डॉ मनोज कुमार यादव ने की जबकि संचालन वरीय अधिवक्ता सुनील कुमार मालाकार ने किया. उक्त कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए डॉ यादव ने कहा कि शेरशाह ने अपने शासन काल में हिंदुस्तान के लोगों का दिल जीतने के लिये चौमुखी विकास पर ध्यान दिया.
अफगानी शासक के तौर पर शेरशाह सूरी ने सड़क, वृक्षारोपण, यात्री को ठहरने के लिए शेड सराय के साथ आवागमन सुगम हेतु ग्रैंडट्रंक रोड का निर्माण कराया. यदि शेरशाह के कार्यकाल को याद किया जाए तो आज के समय में देश एवं राज्य में राज करने वाले नेताओं को उनके विकास कार्यो से सबक लेना चाहिए और उनके बताए हुए रास्ते पर चलकर ही देश तरक्की के रास्ते पर जा सकता है.
विजय दिवस पर आक्रोश व्यक्त करते हुए डॉ यादव ने कहा कि विजय स्थल का अभी नामोनिशान नहीं है. यह केवल इतिहास के स्वर्णिम पन्नों में अंकित है. वर्तमान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा उक्त स्थल का दौरा भी किया गया और आश्वासन भी दिया गया कि पर्यटन के रूप में चौसा को विकसित किया जाएगा. करीब सात वर्ष बीत जाने के बाद भी आज तक विकास कार्य नहीं हुआ और ना ही पर्यटन के नाम पर सरकार द्वारा कुछ भी किया गया. साथ ही उस जगह पर करीब पंद्रह साल पहले शेरशाह भवन बना था. उसको भी तुड़वा दिया गया. आज तक शेरशाह का विजयस्थल सरकार की उदासीनता के चलते उपेक्षित हैं.
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डॉ यादव द्वारा कहा गया कि चौसा के ही निजाम भिस्ती द्वारा हिमायू का जान गंगा में कूदने के उपरांत डूबने के समय बचाया गया था. उक्त स्थल पर निजाम भिस्ती की आदम कद प्रतिमा लगाने की भी मांग भी उन्होंने सरकार से की. वहीं, जिलाधिकारी से मांग करते हुए कहा कि वह अपने स्तर से जांच कराकर पर्यटन स्थल के रूप में सरकार को दर्जा दिलाने का अनुरोध करें. विजय दिवस के अवसर पर ठाकुर प्रसाद कानू, मुख्तार खां, रामलाल शाह,बोधा माली,रमाकांत खरवार,मास्टर उदय ततवा, मंगल शाह, कन्हैया यादव, शेर सिंह माली, अजय माली, किशोर सिंह माली, अर्जुन माली, जयप्रकाश दिनकर, कन्हैया माली, भूपत सिंह माली, शमीम शाह, रमेश प्रसाद, दीपू यादव, मोहन जी चौरासिया, सैयद नसीम, लक्ष्मण पासी, डॉ रामबचन सिंह, जनार्दन राम, गोविंद खरवार, मुन्ना खरवार, जुगुनू मालाकार, विजय राम, कैलाश राम, मटर यादव, बिहारी खरवार, अशोक माली,सीता देवी, गीता देवी, श्रीभगवान खरवार, दसरथ माली, जूली देवी, नंदा देवी, चंदा देवी, शुभ्रा देवी, दीपक माली समेत सैकड़ों लोग मौजूद थे
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